Jamshedpur (Anand Mishra) : झारखंड में सरकारी विद्यालयों की स्थित किसी से छुपी नहीं है. विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व शिक्षकों से लेकर शिक्षकेतर कर्मचारियों के पद रिक्त हैं. मुट्ठी भर शिक्षकों के भरोसे बच्चों की पढ़ाई चल रही है. इसका एक उदाहरण जमशेदपुर के न्यू बाराद्वारी स्थित पीपुल्स एकेडमी हाई स्कूल है. चूंकि इस बार इस विद्यालय को उत्क्रमित कर प्लस टू विद्यालय बनाया गया है, इस लिए फिलहाल यहां 11वीं कक्षा की ही पढ़ाई हो रही है. आगामी सत्र से 12वीं कक्षा भी शुरू हो जायेगी. बावजूद इस विद्यालय में उच्चतर माध्यमिक (11वीं व 12वीं) कक्षा के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं. बस, समय-समय बीएड के विद्यार्थी शिक्षक प्रशिक्षण के लिए इस विद्यालय में आते हैं और बच्चों के बीच शिक्षा दान कर चले जाते हैं. इन्हीं के भरोसे इस विद्यालय में 11वीं कक्षा के बच्चों की पढ़ाई चल रही है.
इसे भी पढ़ें : अडानी प्रकरण : Fitch ने कहा, क्रेडिट प्रोफाइल पर असर नहीं, वित्तीय मजबूती का आकलन कर रही है मूडीज
बीएड स्टूडेंट नहीं, तो पढ़ाई भी जैसे-तैसे
इस विद्यालय में जब बीएड के विद्यार्थी शिक्षक प्रशिक्षण के लिए आते हैं, तभी विशेषकर 11वीं कक्षाएं ठीक से चल पाती हैं. कुछ दिन प्रशिक्षण पूरा कर विद्यार्थी चले जाते हैं, तो कक्षाएं फिर जैसे-तैसे चलती हैं. माध्यमिक (सातवीं से 10वीं) कक्षाओं के शिक्षकों को किसी तरह उन कक्षाओं में भेज कर यथासंभव पढ़ाई करायी जाती है.
इसे भी पढ़ें : कोल्हान विश्वविद्यालय : अब इस सत्र में भी नहीं हो सकेगा छात्र संघ चुनाव
किस संकाय में कितने बच्चे
पीपुल्स एकेडमी उच्च विद्यालय में प्लस टू की कक्षाओं में नामांकित छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 120 है. इनमें आर्ट्स में 90, कॉमर्स में 16 और साइंस में 14 बच्चे हैं. इन तीनों संकायों के बच्चों की पढ़ाई बीएड के विद्यार्थियों के भरोसे चल रही है.
मैथ व साइंस में शिक्षक नहीं
विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है. 11वीं की कक्षाओं के लिए तो फिलहाल एक भी शिक्षक का पद ही स्वीकृत नहीं है. माध्यमिक कक्षाओं में भी शिक्षकों की कमी है. माध्यमिक में हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला और संस्कृत विषय के एक-एक शिक्षक हैं, लेकिन मैथ और साइंस में एक भी शिक्षक नहीं हैं.
इसे भी पढ़ें : चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय में कार्यरत घंटी आधारित शिक्षकों का मार्च में कार्यकाल होगा खत्म
क्या कहती हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला कुमारी बरेलिया ने बताया कि सरकार की ओर से शिक्षकों की पोस्टिंग नहीं हुई है. इसलिए बीएड विद्यार्थियों को वहां पठन-पाठन के लिए भेजा गया है. हालांकि कुछ शिक्षकों का डेप्यूटेशन भी किया गया है. इससे दूसरे स्कूल भी प्रभावित हो जाते हैं. इस वजह से बीएड के विद्यार्थियों को बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजा गया है.