Jamshedpur ( Sunil Pandey) : सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर का 347वां शहीदी पर्व सोमवार को साकची गुरूद्वारा में मनाया गया. गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी द्वारा आयोजित शहीदी दिहाड़ा पर्व में संगत ने श्रद्धा और भक्ति भाव में लीन होकर श्री गुरु तेग बहादुर जी को याद करते हुए गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष शीश नवाया. सुबह अखंड पाठ की समाप्ति की अरदास उपरांत भाई गुरशरण सिंह जी अमृतसर वाले (हजूरी रागी गुरुद्वारा साहिब साकची) ने अपने मधुर गुरबाणी कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया. उन्होंने ….. धर्म हेत शाका जिन कीया, शीश दिया पर सिरर न दिया और ……. तेग बहादुर सिमरिये, घर नाउ निधि आवे धाय, सब थाई होय सहाय शब्द गायन से संगत भावुक होने को मजबूर हो गयी. साकची गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी बलदेव सिंह गुरमत विचार साझा हुए भाई तारु जी, चारो शाहबज़ादे और अन्य सिख शहीदों की शहीदी गाथा का वर्णन किया. शहीदी पर्व के अवसर पर गुरु का अटूट लंगर के संगत के बीच बांटा गया.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : कुड़मी-कम्हार, तेली-तांती को आदिवासी का दर्जा देना न्याय संगत- सूर्य सिंह बेसरा