Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : भारतीय मौसम विभाग द्वारा व्रजपात के खतरों को लेकर देश के छह राज्यों को सबसे संवेदनशील चिन्हित किया है, उनमें झारखंड भी शामिल एक है. वज्रपात का कहर झारखंड के लिए एक बड़ी आपदा है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 में झारखंड में वज्रपात की 4 लाख 39 हजार 828 घटनाएं हुईं. रांची हाईकोर्ट के निर्देश पर वर्ष 2008-09 और 2010-11 में जिले के सभी स्कूलों में तड़ित चालक लगाया गया था. उस समय पूर्वी सिंहभूम में लगभग दो हजार स्कूल थे. एक तड़ित चालक लगाने में लगभग 36 हजार रुपए खर्च आया था. पूर्वी सिंहभूम में लगभग 72 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, लेकिन आज की तारीख में किसी भी स्कूल में तड़ित चालक नहीं है. बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे है.
विभाग को पत्र लिखा गया है
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी एसडी तिग्गा ने लगातार न्यूज को बताया कि जिले में बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से वर्ष 2008-09 एवं 2010-11 में सभी स्कूलों में तड़ित चालक लगाया गया था. लेकिन कुछ दिनों में ही स्कूलों में लगे तड़ित चालकों की चोरी हो गई. वर्तमान में जिले के 1597 स्कूलों में तड़ित चालक नहीं हैं, जो बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक है. इस संबंध में विभाग को पत्र लिख कर अवगत कराया गया है. विभाग द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी.
कोल्हान में पिछले पांच वर्षों में वज्रपात से 166 लोगों की हुई मौत
कोल्हान में पिछले पांच वर्षों में वज्रपात से 166 लोगों की मौत हुई थी.आपदा प्रबंधन के अनुसार वज्रपात से सबसे ज्यादा 53 लोगों की मौत 2016-17 में हुई थी. हालांकि, सरकार की ओर से वज्रपात से बचाव के उपाय भी किए जा रहे हैं.आपदा प्रबंधन की ओर से गांवों व शहरों में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.लेकिन ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान असरदार नहीं दिख रहा है.गांवों में आज भी वज्रपात से मौतें हो रही हैं.हालांकि आंकड़े घट रहे हैं. वर्ष 2020-21 में जून में कोल्हान में केवल पांच मौतें हुई हैं.
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पिछले पांच वर्ष में कोल्हान में वज्रपात से हुई मौतें
2016-17 – 53
2017-18 – 51
2018-19 – 34
2019-20 – 23
2020-21 – 05
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