Jamshedpur : जमशेदपुर में अधिकांश शैक्षणिक संस्थान आरटीई नियमों की अवहेलना कर संचालित हो रहे हैं. शहरी क्षेत्र में केवल सात संस्थानों को ही सरकार अथवा टाटा लीज की जमीन मिली हुई है. इसकी जानकारी आरटीआई से मिली सूचना में हुई है. जिन शैक्षणिक संस्थानों को टाटा लीज क्षेत्र में जमीन उपलब्ध करायी गई है. उनमें एक्सएलआरई (शैक्षणिक संस्थान के निर्माण), केरला समाजम (स्कूल निर्माण), रामकृष्ण मिशन (स्कूल का विस्तार), सिंहभूम होमियोपैथिक कॉलेज एवं अस्पताल (अस्पताल खोलने), इंस्टीच्यूट ऑफ इंवायरमेंटल मैनेजमेंट एंड स्टडीज, राजस्थान मैत्री संघ साउथ पार्क बिष्टुपुर (इंगलिस मीडियम स्कूल खोलने) एवं सेंटर फॉर इनर रिसोर्स डेवलपमेंट (खरकाई इनक्लेव सोनारी) शामिल है. बाकी के शैक्षणिक संस्थानों के पास अपनी जमीन नहीं है. उन संस्थानों के द्वारा सरकारी अथवा गैर सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर भवन निर्माण किया गया है.
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2013 के बाद से अधिकांश स्कूलों की नहीं है आरटीई की मान्यता
सूचना अधिकार कार्यकर्ता सदन कुमार ठाकुर ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद सभी स्कूलों को इसके दायरे में लाया गया. स्कूलों को शिक्षा विभाग से अनिवार्य मंजूरी का उक्त एक्ट में प्रावधान किया गया. शहरी क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थान संचालित करने के लिए दो एकड़ एवं ग्रामीण क्षेत्र में तीन एकड़ जमीन संस्थान का होना सुनिश्चित किया गया है. इसके लिए सरकार ने नीजी स्कूलों को तीन वर्ष (वर्ष 2010 से 2013 तक) तक की छूट दी. इस अवधि में सभी संस्थानों से आरटीई के तहत सरकार से मान्यता लेने का निर्देश दिया गया. लेकिन दो-चार को छोड़कर किसी ने मान्यता नहीं ली.
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अदालत में लंबित है मामला
आरटीई कानून के तहत मान्यता से जुड़े सरकार के आदेश के खिलाफ नीजी स्कूलों ने झारखंड हाई कोर्ट में मामला दायर किया है. इसमें कोर्ट ने सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. सदन ठाकुर ने बताया कि आरटीई के तहत मान्यता नहीं लेने वाले तथा कानून का उल्लंघन कर संचालित होने वाले स्कूलों पर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माने का प्रावधान किया गया है. लेकिन कोर्ट में मामला लंबित बताकर सरकार एवं जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा हैं. उन्होंने कहा कि जल्द वे इस मामले में वरीय प्रशासनिक अधिकारियों से पत्राचार कर कार्रवाई की मांग करेंगे.
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नक्शा विचलन कर बने हैं कई भवन
सदन कुमार ठाकुर ने बताया कि लीज अथवा गैर लीज क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए अधिकृत प्राधिकार से नक्शा स्वीकृत कराने का निर्देश है. लेकिन निकाय अथवा टाटा स्टील अपने स्तर से इस मामले में नक्शा की स्वीकृति दे रहें है. जबकि बिहार खासमहल नीति-2011 की कंडिका 24 में लीजधारी द्वारा लीज भूमि पर निर्मित किए जाने वाले भवन का नक्शा सर्वप्रथम कानून के तहत प्राधिकृत विधिक प्राधिकार से अनुमोदित कराया जाएगा. तत्पश्चात नक्शा पर स्वीकृति के रुप में समाहर्ता का हस्ताक्षर प्राप्त करने के बाद लीजधारी द्वारा लीज भूमि पर भवन का निर्माण कराया जाएगा. सदन कुमार ठाकुर ने बताया कि शहर में कई शैक्षणिक संस्थानों के भवन बिना सक्षम प्राधिकार से नक्शा स्वीकृत कराए ही बनाए गए हैं.
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जिले में 115 स्कूलों का होता है संचालन
सूचना अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी में पूर्वी सिंहभूम जिले में स्कूलों का संचालन होता है. जिसमें झारखंड एकेडमिक काउंसिल के द्वारा संचालित 53, आईसीएसई (इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) 35, सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) के 27 स्कूल है.