Jamshedpur Mujtaba Haider Rizvi) : जिउतिया पर्व को जिला प्रशासन और नगर निकायों ने हल्के में लिया. जिउतिया पर्व को लेकर घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए थे. गोताखोरों की तैनाती नहीं हुई थी. सिविल डिफेंस के लोगों को नहीं तैनात किया गया था. छठ पर्व में जिला प्रशासन और नगर निकाय नदी में लाल झंडी लगाकर नदी के खतरनाक इलाके की जानकारी श्रद्धालुओं को देता है. जिउतिया पर्व पर लाल झंडी भी नहीं लगाई गई थी. ना ही प्रशासन ने कोई बैठक कर इसकी तैयारी की थी. इसी लापरवाही का नतीजा रहा कि इस पर्व में माताओं को अपने सामने ही नदी में बेटों को डूबते देखना पड़ा.
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जेएनएस की तरफ से भी नहीं की किए गए प्रबंध
छठ पर्व और दुर्गा पूजा में विसर्जन के दौरान घाटों पर जेएनएसी की तरफ से भी प्रबंध किया जाते हैं. नदी में गहराई की तरफ लाल झंडी का निशान नगर निकाय की तरफ से ही लगाया जाता है. लेकिन जिउतिया पर्व के प्रति जेएनएसी के अधिकारी और कर्मचारी भी लापरवाह बने रहे.
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जमशेदपुर में डूब गए दो किशोर
बड़ौदा घाट पर टिंकू के मनीफीट का रहने वाला 17 वर्षीय ऋषि की डूबने से मौत हो गई.
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बड़ौदा घाट और दोमुहानी में डूबे किशोर
मंगलवार की सुबह उसका शव नदी से ही बरामद हुआ. इसी तरह, सोनारी के दोमुहानी घाट पर भी मनीफीट का रहने वाला एक किशोर प्रिंस डूब गया. प्रिंस के परिजनों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन की तरफ से उनके बेटे को खोजने की कोई कोशिश नहीं हुई. इसलिए हंगामा भी हुआ.
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