Jamshedpur (Mujtaba Haider Rizvi) : कुड़मी समाज 30 नवंबर को सरायकेला में उपायुक्त (डीसी) कार्यालय के सामने प्रदर्शन करेगा. प्रदर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपा जाएगा. इसमें मांग की जाएगी कि कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किया जाए. इस प्रदर्शन में पूरे कोल्हान से कुड़मी समाज के लोग शामिल होंगे. इस प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए मंगलवार को बिष्टुपुर के निर्मल गेस्ट हाउस में बैठक हुई. बैठक में प्रदर्शन को सफल बनाने की रणनीति तैयार की गई. बैठक में कुड़मी समाज के वरिष्ठ नेता शामिल हुए.
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1950 से एसटी में शामिल होने का चल रहा प्रयास
समाज के केंद्रीय प्रवक्ता हरमोहन महतो ने मंगलवार को हुई इस बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने बताया कि कुड़मी समाज पहले एसटी में शामिल था. 1950 में इसे अनुसूचित जनजाति से निकाल दिया गया था. इसके बाद से कुड़मी समाज लगातार आंदोलनरत है. गाहे-बगाहे आवाजें उठती रही हैं. लेकिन, अब यह आंदोलन तेज हो गया है. अब कुड़मी समाज को अपना अधिकार हर हर हाल में चाहिए. उन्होंने बताया कि बंगाल में अभी कुछ दिन पहले रेल रोको आंदोलन सफल रहा. यह आंदोलन इसी मांग को लेकर हुआ था. उनका कहना है कि अब केंद्र सरकार को चाहिए कि कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करें.
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सरकार धरातल पर उतारे खतियान आधारित स्थानीय नीति
पत्रकारों से बात करते हुए कुड़मी समाज के केंद्रीय प्रवक्ता हरमोहन महतो ने कहा कि विधानसभा में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को मंजूरी मिल चुकी है. अब सरकार को चाहिए कि वह इस नीति को धरातल पर उतारे. इसी नीति के आधार पर नियोजन नीति भी बनाई जाए.