Jamshedpur: पूर्वी सिंहभूम जिले में पंचायत चुनाव की तैयारियां एक बार फिर शुरू कर दी गई हैं. जिला पंचायत राज पदाधिकारी डॉ. रजनीकांत मिश्रा ने बताया कि राज्य निर्वाचन कार्यालय से मिले निर्देश के बाद मतदाता सूची के विखंडीकरण का कार्य दोबारा शुरू कर दिया गया है. क्योंकि नई मतदाता सूची का प्रकाशन जिले में 5 जनवरी को किया गया, जिसमें कई नए मतदाता जुड़े हैं. उन सभी को पंचायत चुनाव में मताधिकार प्रदान करने के लिए पंचायतवार सूची का विखंडीकरण किया जा रहा है. यह कार्य आगामी 10 फरवरी तक पूरा कर लिया जाना है.
इसे भी पढ़ें: 31 जनवरी तक राज्य में लॉकडाउन की वर्तमान स्थिति बरकरार : मंत्री बन्ना गुप्ता
पंचायत चुनाव के वोटर लिस्ट में नए मतदाताओं का नाम जोड़ना अनिवार्य
जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने बताया कि बीते वर्ष 7 सितंबर को मतदाता सूची के प्रारूप का जिलास्तर पर प्रकाशन कर दिया गया था. उसके बाद 20 सितंबर को अंतिम वोटर लिस्ट का प्रकाशन भी कर दिया गया. इसी बीच भारत निर्वाचन आय़ोग की ओर से मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान चलाए जाने की निर्देश दे दिया गया. आयोग के निर्देश के बाद सभी बीएलओ, सुपरवाइजर एवं संबंधित कर्मचारियों को पुनरीक्षण कार्य में लगा दिया गया. उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के प्रकाशन के पूर्व अगर पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई रहती तो पुरानी सूची पर ही चुनाव करवा लिया जाता. लेकिन चुनाव की घोषणा टल गई. इस बीच 5 जनवरी को मतदाता सूची का प्रकाशन हो गया. जिसके कारण नए मतदाताओं का नाम पंचायत चुनाव की सूची में जोड़ना अनिवार्य हो गया. उसी आलोक में सूची में नाम जोड़ने व विखंडीकरण का काम किया जा रहा है.
331 पंचायतों में सीटों का आरक्षण तय
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार वार्ड, पंचायत एवं जिला परिषद का परिदृश्य बदला-बदला नजर आएगा. पहले जहां पुरुष वार्ड सदस्य, मुखिया या जिला परिषद सदस्य होते थे, वहां इस बार महिलाओं के लिए उक्त सीट रिजर्व रहेगी. हालांकि जिलास्तर से परिवर्तित सूची राज्य निर्वाचन कार्यालय को मंजूरी के लिए भेजी गई है. जिसकी अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है. जिला पंचायत राज पदाधिकारी डॉ. रजनीकांत मिश्रा ने बताया कि जिले की 331 पंचायतों में कई वार्ड सदस्य, मुखिया एवं जिला परिषद की सीटों का आरक्षण पहले ही तय कर लिया गया है.
पंचायतों को दो बार मिल चुका है अवधि विस्तार
झारखंड में 2015 में पंचायत चुनाव कराए गए थे. जिसकी अवधि 2020 में खत्म हो गई. 2020 से राज्य में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के कारण लॉकडाउन लगाना पड़ा. जिसके कारण पंचायतों को छह माह का अवधि विस्तार दिया गया. छह माह की अवधि पूरी होने के बाद भी चुनाव की संभावना नजर नहीं आने पर राज्य सरकार ने दोबारा छह माह का अवधि विस्तार किया. विस्तारित अवधि भी इसी माह खत्म हो जाएगी. विभागीय सूत्रों ने बताया कि तीसरी बार विस्तार की संभावना नहीं है. हालांकि कोरोना का संक्रमण एक बार फिर बढ़ने के कारण यह कयास लगाया जा रहा है कि पुनः शायद ही मार्च-अप्रैल में चुनाव हो पाए.
इसे भी पढ़ें: सरायकेला : नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास व पांच लाख रुपए जुर्माना की सजा