Jamshedpur (Rohit Kumar) : जमशेदपुर में रामनवमी का विसर्जन जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकल चुका है. सबसे पहले विसर्जन जुलूस साकची साकची और बिष्टुपुर से निकाला गया. बिष्टुपुर से रजक अखाड़ा ने सबसे पहले अपने कुल देवता और हनुमान जी की पूजा करने के बाद पूरे गाजे बाजे के साथ अखाड़ा खेलते हुए निकली. यह जुलूस पूरे सोनारी क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद स्वर्णरेखा नदी घाट पहुंची. इस दौरान जिन जिन क्षेत्रों से जुलूस गुजर रही थी वहां लोग ध्वज का पूजन कर सुख शांति की कामना की. यह अखाड़ा 1932 से निरंतर पीढ़ी दर पीढ़ी अखाड़ा निकाल रही है जो आगे भी युवाओं के माध्यम से अखाड़ा निकालने के लिए प्रयासरत है.
साकची से मिली बाल मंदिर अखाड़ा
वहीं दूसरी ओर साकची से श्री बाल मंदिर अखाड़ा ने झंडा चौक से निकली जिसमें भगवान श्री राम और शिव के जीवनी को नित्य के माध्यम से झांकी प्रस्तुत की गई जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रही. वही बाजे की टीम के द्वारा भी लोमहर्षक प्रस्तुति दे रहे थे वहीं करतब बाजों के द्वारा दिखाए जा रहे करतब देख लोग दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर हो जा रहे थे. इधर विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक चौक चौराहो पर पुलिस कर्मी हुड़दंगियों पर नजर बनाए हुए थे ताकि किसी प्रकार का विसर्जन जुलूस को बाधा ना पहुंचे.
जुलूस में झाकियां रही आकर्षण का केंद्र
रामनवमी जुलूस में एक और जहां विभिन्न झाकियां आकर्षण का केंद्र रही वहीं एक से एक हैरतअंगेज करतब भी पेश किए गए. वहीं युवतियों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया. लोग धीरे–धीरे जुलूस में आगे बढ़ते दिखे. जुलूस में मौजूद लोगों की सेवा के लिए जिला पुलिस समेत कई संस्थाओं ने अपने अपने शिविर लगा रखे थे जहां लोगों को शरबत पिलाया जा रहा था. साकची चौक पहुंचते ही लोगों की भीड़ देखने को मिल रही थी. हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुलूस का हिस्सा बन रहे थे.
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