Jamshedpur (Sunil Pandey) : स्वच्छता, आस्था एवं सेवा का महापर्व छठ भी पैसा कमाने का जरिया बन गया है. पर्व के नाम पर कुछ महिलाएं जहां सूप लेकर भिक्षाटन कर रही हैं, वहीं कुछ लोग नदी किनारे घाट घेरकर छठ व्रतियों को बेच रहे हैं. पैसे के इस खेल में कौन है दोषी? पर्व के नाम पर घाट घेरकर बेचने वाले या ऐसे लोगों को पैसे देकर घाट घेरवाने वाले. आस्था के इस पर्व में पैसे देने वाले एवं पैसे लेने वाले दोनों दोषी हैं. नदी एवं तालाब के घाटों की सफाई की जिम्मेवारी प्रशासन की है. कुछ सामाजजिक संगठनों के लोग भी स्वच्छता में अपनी भागीदारी निभा कर और आस्था दर्शाकर पुण्य का भागी बनना चाहते हैं. निःसंदेह ऐसे संगठन एवं सामाजिक लोग प्रशंसा के पात्र हैं. दूसरी ओर कुछ छुटभैये लोभी प्रवृति के लोग नदी के घाटों को घेरकर बेच रहे हैं.
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घाटों की साफ-सफाई व देखरेख के बदले पैसे लेते हैं : रतन मुखी
जमशेदपुर के स्वर्णरेखा नदी का तट (घाट) पांच-पांच सौ रुपये में बेचा जा रहा है. नदी के किनारे रहने वाले अधिकांश लोग इस कारोबार में जोरशोर से जुड़े हैं. भुइयांडीह किशोरी नगर के रहने वाले रतन मुखी ने बताया कि वे घाटों की सफाई के साथ-साथ निगरानी करते हैं. इसके एवज में व्रत करने वालों से पैसे लेते हैं. उन्होंने बताया कि दो घाट घेरने एवं निगरानी करने के लिए उन्होंने एक हजार रुपया में सौदा किया है. एडवांस के तौर पर पांच सौ रुपये मिल चुके हैं. बाकी पैसा पर्व के दिन सांध्य अर्घ्य में मिलेगा.
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एक सप्ताह पहले से घाट घेरकर रखा है : सतेंद्र सिंह
मानगो ओल्ड पुरूलिया रोड के रहने वाले सतेंद्र सिंह ने बताया कि छठ पर्व मनाने के लिए उन्होंने दीपावली के एक दिन पहले से ही नदी के किनारे का कुछ क्षेत्र घेरकर रखा है. जहां उनके परिवार एवं परिचित लोग छठ पर्व मना सकें. वे प्रतिदिन (सुबह-शाम) घाट की निगरानी के लिए आते हैं. अगर निगरानी नहीं करेंगे तो कोई दूसरा व्यक्ति उसे घेर लेगा. घाट का किनारा घेरने के लिए बांस, चूना, कपड़े, रस्सी का इस्तेमाल किया जाता है. कुछ लोग बोरे में बालू भरकर घाट घेरकर रखे हैं. वहीं कुछ लोगों ने नदी में प्रवाहित प्रतिमा में इस्तेमाल लकड़ी को खूंटा बनाकर घाट घेर रखा है.
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जमशेदपुर के मुख्य घठ घाट
स्वर्णरेखा घाट साकची थाना) स्वर्णरेखा घाट (मानगो थाना) शांतिनगर, श्यामनगर और रामनगर बागबेड़ा बड़ौदा घाट जुगसलाई शिव पार्वती घाट, सोनारी दोमुहानी और कपाली घाट, खरकई घाट (बिष्टुपुर थाना) सती घाट (कदमा थाना), भुइयांडीह पांडेय घाट, स्वर्णरेखा घाट (सीतारामडेरा थाना) सिदगोड़ा सूर्य मंदिर घठ घाट (सिदगोड़ा थाना) दीनबंधु शिव मंदिर एवं महावीर मंदिर छठ घाट (टेल्को थाना), सीटू तालाब घठ घाट (टेल्को थाना), डिमना लेक छठ घाट (बोड़ाम थाना) इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में नदी एवं तालाबों में कुल 47 छठ घाट चिन्हित किए गए हैं. जहां पुलिस एवं दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी.
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30 से तैनात रहेंगे मजिस्ट्रेट
आस्था के महापर्व छठ में सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो गई हैं. जमशेदपुर शहर और इससे सटे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित नदी एवं तालाब छठ घाटों पर दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है. सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को 30 अक्टूबर की दोपहर 1 बजे से देर शाम तक और 31 अक्टूबर को तड़के तीन बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक प्रतिनियुक्त रहने का आदेश दिया गया है. इस संबंध में उपायुक्त और एसएसपी ने संयुक्त आदेश जारी किया है. शांति एवं विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए 80 दंडाधिकारी, 15 जोनल दंडाधिकारी, 16 सुपर जोनल दंडाधिकारी, 138 पुलिस पदाधिकारी, 13 सुपर जोनल पुलिस पदाधिकारी के अलावे पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है. सभी जोन में जोनल दंडाधिकारी और इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. वरीय प्रशासनिक अधिकारियों और डीएसपी को सुपर जोनल दंडाधिकारी के रुप में प्रतिनियुक्त रहने का आदेश दिया गया है.
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घाट घेरकर बेचने वालों पर होगी कार्रवाई : एडीएम
अपर जिला दंडाधिकारी (एडीएम) लॉ एंड ऑर्डर नंदकिशोर लाल ने बताया कि छठ महापर्व आस्था का पर्व है. इस पर्व में स्वच्छता का विशेष ख्याल रखा जाता है. प्रशासन की ओर से सभी घाटों की युद्धस्तर पर सफाई करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि नदी के किनारों को घेरकर बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए स्थानीय थाना की पुलिस एवं निकाय के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. प्रशासनिक अधिकारी निरंतर घाटों का निरीक्षण कर तमाम तैयारियों का जायजा ले रहे हैं.