Jamshedpur : चारा घोटाला, अवैध खनन सहित कई मामलों को उजागर करने वाले जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के निशाने पर उनके पुराने प्रतिद्वंदी झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री व जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता हैं. उन्हों ने स्वास्थ्य मंत्री पर राजकोष का दुरुपयोग कर वित्तीय अनियमितता का गंभीर आरोप लगाया है. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे तथ्यों से अवगत कराते हुए बन्ना गुप्ता पर कार्रवाई करने तथा राजकोष से की गई अवैध निकासी की वसूली करने की मांग की है. मामला कोरोना काल में काम करने वालों को प्रोत्साहन राशि के भुगतान से जुड़ा हुआ है. शिकायत पत्र में सरयू राय ने कहा है कि कोविड-19 काल में प्रोत्साहन राशि मद में 103 करोड़ की अवैध निकासी की गई है जो विभागीय कदाचार एवं वित्तीय अनियमितता का मामला है.
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मुख्यमंत्री को भेजे शिकायत पत्र में दिया नियमों का हवाला
सरयू राय ने मुख्यमंत्री को प्रेषित अपने शिकायत पत्र में आरोप लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने अवैध आदेश से राजकोष से कोविड महामारी के बहाने करोड़ों रुपये की राशि की अवैध निकासी की है. पत्र में बताया गया है कि झारखंड सरकार के संकल्प संख्या 54(7) दिनांक 1.5.2021 के अनुसार वैश्विक महामारी (कोविड-19 ) से संबंधित कांटेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग, सुपर विजन, कोविड अस्पताल, कोविड वार्ड में कार्यरत, कार्यालय तथा कंट्रोल रूम में कोविड से संबंधित कार्यों हेतु प्रतिनियुक्त चिकित्सा कर्मियों तथा चिकित्सकों को एक माह के मूल वेतन अथवा मानदेय के समतुल्य प्रोत्साहन राशि प्रदान की जानी थी. प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य नियमित एवं संविदाकर्मी विभाग द्वारा चिन्हित किये जाने थे.
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प्रोत्साहन राशि पाने वालों में मंत्री के 34 अंगरक्षकों एवं अन्य पुलिसकर्मियों का भी नाम
स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में गठित समिति ने पात्रता श्रेणी में आनेवाले 94 स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार की जो प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य थे, परंतु स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग से 60 अतिरिक्त नामों की सूची विभाग को भेजी गई. इस सूची में मंत्री का खुद का नाम सबसे ऊपर अंकित है. इसके अलावे स्वास्थ्य मंत्री के दो आप्त सचिव, निजी सहायकों, चर्या लिपिकों, कम्प्यूटर ऑपरेटरों, सहायकों, आदेश पालकों, 8 वाहन चालकों, 4 सफ़ाई कर्मियों और माननीय मंत्री की सुरक्षा में नियुक्त एवं प्रतिनियुक्त कुल 34 अंगरक्षकों एवं अन्य पुलिसकर्मियों का नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों में शामिल है. इसके लिये विभागीय मंत्री स्वयं जिम्मेदार हैं.
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