Ashok kumar
Jamshedpur : टाटानगर रेलवे ओवरब्रिज की सड़क की मरम्मत का पेंच अब पूरी तरह से फंस गया है. इस मामले में रेलवे की ओर से स्थानीय जिला प्रशासन का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया गया है. इसको लेकर चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम की ओर से वर्ष 2008 से लेकर अबतक कुल 5 बार जिले के डीसी को पत्र लिखा गया है. बावजूद ओवरब्रिज सड़क की मरम्मत नहीं की गयी है. सड़क पर रॉड निकल आए हैं और ओवरब्रिज की हालत भी खस्ता होती जा रही है. सड़क पर 50 से भी ज्यादा गड्ढ़ें हो गये हैं.
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कब-कब किया गया पत्राचार
रेल मंडल के डीआरएम की ओर से सबसे पहले 15 फरवरी 2008 को पत्राचार किया गया था. इसके बाद 5 मार्च 2008 को डीसी को पत्र लिखा गया था. इसके बाद 15 मई 2008 को भी पत्र लिखा गया था. इसके बाद रेलवे बोर्ड की ओर से 24 मई 2012 को डीसी को पत्राचार किया गया था. अंतिम बार डीआरएम ने 31 अगस्त 2021 को डीसी से विभागीय रूप से पत्राचार किया था.
क्या है रेल अधिकारियों का तर्क
रेलवे ओवरब्रिज सड़क मरम्मत में रेल अधिकारियों का तर्क है कि इसका उपयोग स्थानीय लोग करते हैं. ऐसे में मरम्मत का मामला रेलवे कैसे देखेगी. इसके पहले भी जब कहीं पर रेलवे ओवरब्रिज बनाने का मुद्दा रेल अधिकारियों के समक्ष उठता है तब यह बात सामने आती है कि इसका लाभ तो स्थानीय लोगों को मिलने वाला है. इसमें रेलवे की ओर से किसी तरह की मदद नहीं की जाएगी. लेकिन रेलवे की ओर से आधा खर्च अब भी वहन किया जाता है.
लोगों को नहीं मिलने वाली है राहत
टाटानगर रेलवे ओवरब्रिज को लेकर अभी लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है. लोगों की परेशानी अभी बरकरार रहेगी. ओवरब्रिज का उपयोग रोजाना लाखों लोग करते हैं. इससे आधी रात से भारी वाहनों का भी आवागमन होता है. सिर्फ नाम के लिये आवागमन को कागजों में ही रोककर रखा गया है. ओवरब्रिज को इसी उद्देश्य से बनाया गया था कि भारी वाहनों का भी आवागमन होगा, लेकिन इसकी गुणवत्ता को देखते हुये जिला प्रशासन की ओर से इसपर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाया गया है.
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