Jamshedpur (Vishwajeet Bhatt) : नवरात्र शुरू होने ही वाला है. पंडालों का निर्माण दिन रात चल रहा है. कई पंडाल तो लगभग पूरे होने की ओर हैं. लौहनगरी के वातावरण पर दुर्गोत्सव का असर साफ-साफ दिख रहा है. वैसे तो शहर में असंख्य पूजा पंडाल हैं, लेकिन कई स्थानों पर यह पूजनोत्सव बहुत विशाल और भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है. कुछ बड़े पंडालों के पट पंचमी को खुलते हैं. कुछ के षष्ठी और कुछ पंडालों के पट सप्तमी को खुल जाते हैं. पंडालों के पट खुलने के साथ ही मां दुर्गा के प्रति भक्ति, विशाल व आकर्षक पंडालों के साथ ही मां दुर्गा की मनमोहक प्रतिमाओं के प्रति आकर्षण लौहनगरी के सिर चढ़कर बोलने लगती है. बच्चे मेलों के लिए मचलने लगते हैं. यह लाजिमी भी है, क्योंकि तमाम निजी व सरकारी स्कूलों में पहले ही छुट्टियों की घोषणा हो जाती है. पंडालों में बजते भजन वातावरण को भक्ति रस से सराबोर करते रहते हैं. पंडालों के इर्द-गिर्द और सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में खुली खाने-पीने की दुकानें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. सड़कों पर भक्तों की भारी भीड़ रहती है. प्रस्तुत है लौहनगरी के कुछ बड़े पंडालों के मॉडल, अनुमानित खर्च व भव्यता को रेखांकित करती रिपोर्ट
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एग्रिको दुर्गा पूजा कमेटी
एग्रिको दुर्गा पूजा कमेटी का इस वर्ष 75वां वर्ष पूरा हो रहा है. कमेटी अपना 75वां वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में शहर के श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ भव्य एवं अति सुंदर पंडाल का निर्माण करा रही है. एग्रिको दुर्गा पूजा पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की देखरेख एवं मार्गदर्शन में की जाती है. पंडाल का थीम इस बार काल्पनिक मंदिर का प्रतिरूप रख गया है. इस साल पंडाल की अनुमानित लागत 12 लाख रुपये है. इसके साथ ही साथ माता की प्रतिमा भी भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहेगी. माता की प्रतिमा की साज-सज्जा पुआल से बनी सामग्री से की जा रही है. पूजा को अति भव्य एवं दर्शनीय बनाने के लिए आकर्षक विद्युत सज्जा के साथ ही साथ बड़े मेले की भी व्यवस्था की गई है. इस बार कोलकाता की महिला मंडली ढाकी वादन करेगी जो इस पूजा पंडाल में विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी. इन सारी व्यवस्थाओं को पूर्ण करने के लिए इस साल पूजा का अनुमानित बजट 20 लाख रुपये रखा गया है. पूजा समिति की ओर से महासप्तमी, महाअष्टमी एवं महानवमी तीनों दिन निःशुल्क भक्तजनों को बैठाकर भोग खिलाने की भी व्यवस्था की गई है. विद्युत सज्जा, मेला, महिलाओं द्वारा ढाकी वादन, पंडाल आकर्षण का केंद्र रहेगा. पंडाल की लबाई 100 फीट व चौड़ाई 40 फीट है. यहां विशाल मेला भी लग रहा है. मेले में 10 अलग-अलग झूलों सहित लगभग 100 दुकानें लगेंगी. पंडाल व मेला दोनों लगभग दो सौ फट चौड़े व 500 फीट लंबे एग्रिको क्लब हाउस मैदान में रहेगा. हर रोज यहां लगभग 20 हजार से अधिक भक्त आते हैं. कमेटी के अध्यक्ष वाईपी सिंह, महासचिव भूपेंद्र सिंह, मुख्य सलाहकार आनंद कुमार, सहायक सचिव राजीव भट्टाचार्य, अरुण कुमार व अभिषेक मिश्रा, पूजा इंचार्ज अविनाश सिंह, सलिल मुखर्जी बूम्बा मित्रा व सौरभ सेन, कोषाध्यक्ष संजय सिंह बबलू, सह कोषाध्यक्ष अभिषेक डे सहित कमेटी में कुल 29 पदाधिकारी शामिल हैं.
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सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी टुइलाडुंगरी
भारत की खूबसूरती सबसे निराली है. भिन्न भाषा, भिन्न संस्कृति, भिन्न धर्म इन सबसे मिलकर ही बना है हमारा खूबसूरत भारत. प्रकृति के बंधन में रह कर सबको मधु मिठास देने वाली मधुमक्खियों की जीवनी पर आधारित टुइलाडुंगरी दुर्गा पूजा पंडाल में प्रकृति को दर्शाया जा रहा है. सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी टुइलाडुंगरी 1934 से सामूहिक रूप से भव्य व आकर्षक पंडाल बनाकर दुर्गा पूजा का आयोजन कर रही है. हर साल यहां मेला भी लगता है. इस साल यहां लगने वाले मेले में विभिन्न प्रकार की कुल 20 दुकानें लगेंगी. इसके साथ ही मेले में चार झूले में लगेंगे जो बच्चों को आकर्षित व रोमांचित करेंगे. इस बार दुर्गा पूजा कमेटी का अनुमानित खर्च 20 लाख रुपये है. यहां स्थापित की जाने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा भी आकर्षण का केंद्र होती है. पंडाल की लंबाई लगभग 60 फीट और चौड़ाई 40 फीट है. लगभग 300 फीट लंबे और 170 फीट चौड़े दुर्गा पूजा मैदान टुइलाडुंगरी में होने वाले इस आयोजन में इसी मैदान में पंडाल भी रहता है और मेला भी लगता है. यहां पंचमी को ही पंडाल का पट भक्तों के लिए खोल दिया जाता है और औसतन हर रोज यहां 20 से 22 हजार भक्त मां दुर्गा के दर्शन करने और मेले का आनंद लेने के लिए आते हैं. दुर्गा पूजा कमेटी के संरक्षक राजू गिरी हैं. अध्यक्ष मिथिलेश सिंह यादव व महासचिव दिनेश कुमार हैं. लाइसेंसी राजा सिंह, कोषाध्यक्ष रोहित गोयल व सीनू राव, उपाध्यक्ष प्रशांत गिरी व मेला प्रमुख बलकार सिंह हैं. पूरी कमेटी में कुल 35 पदाधिकारी शामिल हैं.
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ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब, काशीडीह
यहां 1962 से सार्वजनिक रूप से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. इस बार कमेटी का अनुमानित बजट 30 लाख रुपये है. इस बार पंडाल का थीम नारी शक्ति पर केंद्रित है, लेकिन पंडाल का आकार-प्रकार पूरी तरह से काल्पनिक है. कमेटी के लोगों का कहना है कि आज भी भारतीय समाज में लोग बेटियों को कमतर आंकते हैं. बेटी पैदा होने पर लोग बोझ समझते हैं. पंडाल के जरिए इस साल लोगों के इस भ्रम को दूर करने का प्रयास किया जाएगा. पंडाल के अंदर मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा स्थापित होगी जो, एक बच्ची को अपने दोनों हाथों से उठाए हुए यह संदेश देगी की बेटी को मां दुर्गा का आशीर्वाद है और उसको कोई छू भी नहीं सकता. इसके साथ पंडाल के अंदर भारत की तमाम महिला विभूतियों के चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे ताकि लोगों में जागरूकता फैले. पंडाल के भी बड़े ही आकर्षक रूप से सनातन धर्म में वर्णित विभिन्न देवियों के चित्रों को भी प्रदर्शित किया जाएगा. इस बार पंडाल की ऊंचाई 50 फीट, लंबाई 90 फीट और चौड़ाई 40 फीट है. 300 फीट लंबे और 275 फीट चौड़े काशीडीह दुर्गा पूजा मैदान में होने वाले पूजनोंत्सव में मेला भी लगेगा. मेले में लगभग 60 दुकानें और पांच अलग-अलग तरह के झूले होंगे. पंडाल के पट चतुर्थी को खुल जाएगा और लोग विसर्जन की तिथि के दो दिन बाद यानि सात अक्टूबर तक यहां मां दुर्गा के दर्शन कर पाएंगे. यह भी यहां की एक खासियत है. यहां हर रोज एक से डेढ़ लाख भक्त दर्शनों के लिए आते हैं. कमेटी के संरक्षक अभय सिंह हैं. महासचिव राज सिंह, जालंधर गोस्वामी, श्याम खंडेलवाल, सम्राट सिंह, विनोद पारवे व राजा शर्मा हैं. उपाध्यक्ष संजय गुप्ता, मोहन साहू, अहिरा शर्मा व योगेश लाल हैं. कोषाध्यक्ष ऐश्वर्य सिंह सिंह कुल 102 लोग कमेटी में पदाधिकारी हैं.
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न्यू सिदगोड़ा दुर्गा व काली पूजा कमेटी
यहां 1953 से सार्वजनिक रूप से मां दुर्गा की पूजा की जा रही है. यहां इस पंडाल का आकार-प्रकार काल्पनिक है. पंडाल के जरिए यहां भक्तों को सौर मंडल के सभी नौ ग्रहों की स्थिति दिखाई जाएगी. डिजिटल डिस्प्ले के आकार के पंडाल के जरिए सौर मंडल में नौ ग्रह कहां-कहां हैं, यह बताने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही किसी ग्रह की क्या स्थिति है, उस ग्रह के क्या गुण हैं और क्या प्रभाव हैं, यह भी बताया जाएगा. पंडाल की सजावट इस तरह से की जा रही है कि यहां आने वाले लोग अपने आपको अंतरिक्ष में विचरता हुआ महसूस करेंगे. इस बार पंडाल की लंबाई 120 फीट, चौड़ाई 70 फीट और ऊंचाई भी 70 फीट रहेगी. लगभग 11 हजार वर्ग फीट में फैले सिनेमा मैदान सिदगोड़ा में होने वाले वाले इस पूजनोत्सव में मेला भी लगेगा. इसमें लगभग 35 दुकानें लगेंगी. इस पंडाल का पट पंचमी यानि 30 सितंबर को खुल जाएगा. यहां हर रोज अनुमानत: एक से सवा लाख भक्त मां दुर्गा के दर्शनों के लिए आते हैं. इस बार कमेटी का अनुमानित बजट 11 लाख रुपये है. पंडाल में सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था रहेगी. भक्तों की सुविधा के लिए महिला-पुरुष 120 वालंटियर मुस्तैद रहेंगे. पंडाल में महिला व पुरुष का प्रवेश अलग-अलग होगा. कमेटी के मुख्य संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह हैं. संरक्षक राजश्री पति व संतोष यादव हैं. अध्यक्ष प्रकाश पटेल, महासचिव प्रदीप कुमार सिंह, संयुक्त महासचिव ईश्वर दयाल तिवारी व अनुप सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष राजदेव दुबे, संतोष पात्रा, व्यवस्था प्रभारी चंचल विश्वास, डीके पांडेय, प्रफुल्ल महतो व लोटन दास हैं.
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सेंट्रल भुइयांडीह एरिया सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी
यहां 1949 से सार्वजनिक रूप से दुर्गा पूजा हो रही है. सार्वजनिक रूप से दुर्गा पूजा आयोजन का यह 73वां साल है. इस बार यह कमेटी वेल्लूर मठ का प्रतिरूप पंडाल का निर्माण करा रही है. यहां आकर भक्तों को लेगेगा कि वे सीधे वेल्लूर मठ में विराजित मां दुर्गा के दर्शन कर रहे हैं. पंडाल की ऊंचाई 79 फीट, लंबाई 65 फीट व चौड़ाई 45 फीट होगी. 300 वर्ग फीट लंबे और 150 फीट चौड़े ह्यूम पाइप मैदान में होने वाली दुर्गा पूजा में लगने वाले मेले में इस साल छोटी बड़ी 100 से अधिक दुकानें लगेंगी. कमेटी ने इस साल पूजनोत्सव पर 15 लाख रुपये खर्च करने का बजट रखा है. पंडाल का पट षष्ठी को खुलेगा और मंत्री चंपई सोरेन पंडाल का उद्घाटन करेंगे. हर रोज यहां 70 से 80 लोग मां दुर्गा के दर्शनों के लिए आते हैं. कमेटी के संरक्षक पूर्व मंत्री दुलाल भइयां हैं. अध्यक्ष राम प्रसाद भुइयां हैं. मुख्य सलाहकार विप्लव भुइयां, महासचिव बलदेव भुइयां, बप्पी धर, मन्नू मंडल व अभिजीत भुइयां हैं. उपाध्यक्ष रविंद्र भट्टाचार्य, निमाई मंडल, खगेन महतो, बंटी सिंह, चेतन मुखी, राहुल साव, शंभु मुखी, मिथिलेश भगत, योगेश बाबा व बिजय सिंह हैं. यहां षष्ठी से लेकर नवमी तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे.
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