Jamshedpur : शहर के कला एवं संस्कृति केन्द्र रबीन्द्र भवन में तीन दिवसीय रबीन्द्र नाथ टैगोर जन्मोत्सव के अवसर पर नाट्य, संगीत एवं गीती आलेख का मंचन किया जा रहा है. जन्मोत्सव के दूसरे मंगलवर को टैगोर एकेडमी के शिक्षक व शिक्षिकाओं के द्वारा रबीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा नारी विषयों पर आधारित रचित नृत्य गीति आलेख चित्रांग्दा, श्यामा व चांडालिका का मंचन हुआ, जिसमें नारी विषयों को कलाकारों ने बखूबी नाट्य के माध्यम से मंचित किया. इसमें गुरु गुरु गुरु, आह कि दुसह स्पर्धा, आमार अंगे अंगे मनिपुरी देहो दुहिता, कोन देवता आसे, आहा एकी आनंदों गीतो पर कलाकारों ने समा बांधा.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : मई के अंत तक पूरी होगी मानगो ब्रिज की मरम्मत
इस संबंध में टैगोर सोसायटी के महासचिव आशीष चौधरी ने बताया कि नोबेल पुरस्कार विजेता कविगुरु रबीन्द्र नाथ टैगोर की रचनाओं में नारी विषयों को लेकर बहुत ही गंभीर एवं गहराई वाली सोच झलकती है. आज से 160 वर्ष पूर्व नारी की स्थिति की उन्होने जो विवेचना की है, उससे उनका दर्शन स्पष्ट झलकता है कि वे नारी स्वतंत्रता के पक्षधर थें. वे पुरुष के समान ही नारी का सम्मान चाहते थें. उन्होंने कहा कि रबीन्द्र नाथ टैगोर की रचनाए आज भी प्रासंगिक है.