Jamshedpur: पूर्वी सिंहभूम जिले में अवैध बालू खनन, परिवहन व भंडारण के खिलाफ चलाए गए अभियान में 50 हजार सीएफटी से अधिक बालू जब्त किए गए हैं. अगर इन बालू की नीलामी अभी हो जाए तो बालू के तरस रहे भवन निर्माताओं को कुछ राहत मिलेगी और सरकार के खजाने में भी दो पैसे आ जाएंगे. अगर जब्त बालू की कीमत की बात करें तो सरकारी दर पर यह पांच लाख के करीब बनता है, जबकि बाजार दर पर यही बालू 30 से 35 लाख रुपये का मिलेगा. मगर सरकारी प्रक्रिया में विलंब लगेगा. इस विलंब से डर यह है कि कहीं व्यवस्था के दीमक यह बालू चट न कर जाएं, जैसे बिहार में थाने में रखा शराब चूहे पी गए थे.
जब्त बालू का नीलामी में क्या है समस्या
धालभूम एसडीओ संदीप कुमार मीणा ने लगातार न्यूज को बताया कि अवैध बालू उत्खनन एवं परिवहन के खिलाफ चलाए जा रहे जांच अभियान में अबतक 100 हाइवा बालू जब्त किया गया. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब्त बालू लदे हाइवा पर एफआईआर दर्ज किया गया है. यह चूंकि न्यायिक मामला है इसलिए न्यायालय के निर्देश के पश्चात उसकी नीलामी हो सकेगी. शेष बचे बालू का नीलामी के लिये उपायुक्त का अध्यक्षता में बनी कमिटी निर्णय ले सकती है. कब तक नीलामी होगी, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जल्द ही कमिटी निर्णय लेकर बालू का नीलामी करेगी.
बालू संकट से निर्माण कार्य प्रभावित
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूर्वी सिंहभूम जिले में अवैध बालू उत्खनन एवं परिवहन के खिलाफ खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से जिले में बालू संकट उत्पन्न हो गया है. जिससे सीधे तौर पर आधारभूत संरचना से संबंधित निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं. साथ ही भवन निर्माण से संबंधित प्रोजेक्ट भी अधर में लटक गए हैं. बड़ा सवाल यह है कि यदि समय रहते इस बालू की नीलामी कर दी जाए, तो सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी और जिले में उत्पन्न बालू संकट से लोगों को राहत भी मिलेगी. लेकिन व्यवस्था के पेंच में फंसे इस बालू की कब नीलामी होगी यह देखने वाली बात है. देर होने पर संभव है जब्त बालू आंधी में उड़ जाए या बारिश बहा ले जाए.