Jamshedpur : टाटा स्टील फाउंडेशन और टेरी की संयुक्त पहल ‘द ग्रीन स्कूल’ ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों और पिछले कई वर्षों में हासिल उपलब्धियों का प्रदर्शित करने के लिये वर्चुअल मोड में हो रहे वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट (डब्ल्यूएसडीएस) में भाग लिया. इस अवसर पर टाटा स्टील फाउंडेशन के निदेशक चाणक्य चौधरी ने कहा कि हमने पांच साल पहले सिर्फ 10 स्कूलों के साथ ‘द ग्रीन स्कूल’ प्रोजेक्ट शुरू किया था. अब यह झारखंड और ओडिशा के 30 से अधिक स्कूलों को कवर करती है. उन्होंने कहा कि हम जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाने के लक्ष्य के साथ ‘द ग्रीन स्कूल’ के माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों सहित दो लाख से अधिक लोगों तक पहुंचने में सक्षम हैं
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‘भविष्य के लिए भविष्यवादी’ पर पैनल चर्चा भी हुई
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2017 में शुरू किया गया ‘द ग्रीन स्कूल’ झारखंड और ओडिशा में टाटा स्टील के सभी परिचालन क्षेत्रों में चलने वाली एक पहल है जहां छात्र और शिक्षक प्रकृति के साथ अपने संबंध को सीखते हैं. समिट को टाटा स्टील माइनिंग के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार सतीजा और टाटा स्टील के मुख्य कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सौरव रॉय ने भी संबोधित किया. आयोजन के दौरान ‘भविष्य के लिए भविष्यवादी’ पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई थी, जिसमें पर्यावरण के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य करने वाले पर्यावरण नायकों और ग्रीन मित्रों को एक साथ लाया गया था जो एक हरित भविष्य का इरादा रखते हैं.
तीन ग्रीन फ्रेंड छात्राओं ने दर्शकों की तालियां बटोरीं
कार्यक्रम में तीन ग्रीन फ्रेंड छात्राओं सेजल कुमारी, सेंट मैरी स्कूल, नोवामुंडी की छात्रा, टाटा डीएवी पब्लिक स्कूल घाटोटांड, वेस्ट बोकारो की डिंपल और सेंट मैरी स्कूल, जाजपुर की छात्रा साइना मोहंती ने दुनिया के सामने अपनी पहल पेश कर दर्शकों की तालियां बटोरीं. कार्यक्रम के अंत में विभा धवन, महानिदेशक, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस समिट ने युवाओं को सामूहिक रूप से अपने विचारों को व्यक्त करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और एक सामान्य नेटवर्क बनाने, समान विचारधारा वाले लोगों तक पहुंचने और उन्हें पर्यावरण प्रबंधन में शामिल करने में सक्षम बनाया है.
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