Jamshedpur (Vishvjeet Bhatt) : एफपीएआई ने दृष्टिहीन लोगों के सेवार्थ आये जिस एक करोड़ रुपये की राशि का गबन किया, उस मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की भूमिका भी संदिग्ध है. इस पूरे प्रकरण में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बिष्टुपुर टाटा स्टील गेट ब्रांच के मैनेजर और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है. गबन का सूत्रधार नीरज कुमार सिंह का अधिकांश वक्त सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में गुजरा करता था. वह बैंक के कर्मियों को शाखा में ज्यादा से ज्यादा खाता खुलवाने का झांसा देकर उनका भरोसा जीत चुका था. बैंक के तत्कालीन मैनेजर की नीरज कुमार सिंह के ऊपर विशेष कृपा थी.
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दर्जनों अकाउंट पे चेक बियरर चेक के तौर पर हुआ भुगतान
इसका ज्वलंत उदाहरण है बैंक द्वारा तकरीबन दर्जनों अकाउंट पे चेक का बियरर चेक के तौर पर सीधे नीरज कुमार सिंह को भुगतान किया जाना. इसके लिये बैंक कर्मियों ने नीरज कुमार सिंह के साथ साठगांठ करके एफपीएआई की तकरीबन दर्जनों अकाउंट पे चेक को टैम्पर करके पैसों का भुगतान किया. इस बात का खुलासा होने पर जब एफपीएआई की सिंहभूम शाखा के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर विनय मिश्रा ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से स्पष्टीकरण मांगा तो बैंक ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके कुछ दिनों के बाद विनय मिश्रा ने एफपीएआई प्रबंधन की किंकर्तव्यविमूढ़ता से तंग आकर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. हालांकि सच्चाई यह है कि उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देने के लिये विवश किया गया था. इसके बाद विनय ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई. मामला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मुख्यालय जांच के लिये अग्रसारित किया गया. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मुख्यालय ने अपने बिष्टुपुर टिस्को गेट ब्रांच को क्लीनचिट दे दी.
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विनय मिश्रा का एफपीएआई से कोई सरोकार नहीं होने का दिया हवाला
हवाला यह दिया गया कि चूंकि विनय मिश्रा का अब एफपीएआई से कोई सरोकार नहीं है, इसलिये उनकी शिकायत को तरजीह नहीं दी जा सकती. विनय मिश्र यहीं नहीं रुके. उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के समक्ष इस मामले को रखा, परंतु बिना किसी जांच के आरबीआई जैसी संस्था ने भी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बिष्टुपुर टिस्को गेट ब्रांच को क्लीनचिट दे दी. इससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि एफपीएआई को मिले अनुदान की बंदरबाट इस स्तर पर हुआ है जहां दोषियों के गिरेबान तक जांच एजेंसियों का हाथ पहुंच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.
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एफपीएआई हमारा अच्छा कस्टमर : मैनेजर
एफपीएआई हमारा अच्छा कस्टमर है. इसलिए काउंटर पर बैठे कर्मचारी ने गुड फेथ में दो-चार टेम्पर्ड या अकाउंट पेई चेक को बियरर चेक मानकर भुगतान कर दिया.
अभय ठाकुर, मैनेजर, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बिष्टुपुर टिस्को गेट