jamshedpur (Vishwajit Bhatt) : झारखंड सरकार आंख बंद करके फोर्टिफाइड राइस का वितरण कर रही है. जबकि चावल की बोरी पर ही लिखा है कि यह चावल थैलेसीमिया से ग्रसित लोगों को नुकसान करता है. चिकित्सक बताते हैं कि झारखंड में थैलेसीमिया और सिकल सेल अनीमिया के रोगी अधिक हैं. इसके बारे में जानकारी का भी अभाव है. मरीजों को पता भी नहीं है कि उन्हें इस तरह की गंभीर बीमारी है. ऐसे मरीजों के लिए फोर्टिफाइड राइस घातक साबित हो सकता है. यह कुपोषण से लड़ने का कारगर तरीका नहीं हो सकता है. एफएसएसआई थैलेसीमिया ग्रसितों को बिना चिकित्सक की सलाह दिए फोर्टिफाइड राइस खाने की सलाह नहीं देता है. सरकार ने फोर्टिफाइड राइस के वितरण में इस बात का कोई प्रावधान ही नहीं किया है कि यह चावल किसको देना है और किसको नहीं. यही कारण है कि आपूर्ति विभाग आंख बंद कर यह चावल बांट रहा है. दूसरा चौंकाने वाला सच यह भी है कि धोते समय यह चावल पानी में तैरने लगता है और ग्रामीण इसको नकली या खराब चावल मानकर पानी से छानकर फेंक देते हैं. सवाल यह है कि जब ग्रामीण यह चावल खा ही नहीं रहे हैं तो उनको पोषण कैसे मिलेगा? तो इसका जवाब ये है कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को सीधे-सीधे पलीता लग रहा है और पैसा पानी में बह जा रहा है.
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पूर्वी सिंहभूम में हर माह बंट रहा दो हजार किलो फोर्टिफाइड राइस
पूर्वी सिंहभूम के जिला आपूर्ति पदाधिकारी के मुताबिक 15 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद एक अक्टूबर 2021 से जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चाकुलिया व धालभूमगढ़ प्रखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित लाभुकों में फोर्टिफाइड राइस का वितरण किया जा रहा था. कोरोना के कारण एक अप्रैल 2022 से जिले में इस चावल का वितरण बंद किया गया था. फिर चावल की कमी के कारण अधिनियम के तहत की अगस्त से वितरण चालू कर दिया गया है. सरकार की ओर से सितंबर से पूर्वी सिंहभूम सहित पूरे राज्य में इस चावल के वितरण का आदेश आ गया है. आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में हर महीने दो हजार क्विंटल चावल का वितरण किया जाता है. एक क्विंटल सामान्य चावल में एक किलो फोर्टिफाइड राइस मिलाया जाता है. इस हिसाब से पूर्वी सिंहभूम में हर महीने दो हजार किलो फोर्टिफाइड राइस का वितरण हो रहा है.
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पूर्वी सिंहभूम जिले में 6.42 लाख हैं राशन कार्डधारी
पूर्वी सिंहभूम जिले में चार श्रेणियों के कुल राशन कार्ड छह लाख, 42 हजार, 114 हैं. इसमें पीएच कार्डधारी 379013, अंत्योदय के 56711, सफेद राशन कार्ड 176927 तथा ग्रीन राशन कार्ड 29463 हैं. इसमें सफेद कार्डधारियों को खाद्यान्न नहीं मिलता. उन्हें केवल केरोसिन प्राप्त होता है. जबकि ग्रीन राशन कार्डधारियों को राज्य सरकार की ओर से आवंटित खाद्यान्न प्राप्त होता है.
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मध्याह्न भोजन व आंगनबाड़ी केंद्रों में भी फोर्टिफाइड राइस
विभाग पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ और चाकुलिया प्रखंडों के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना में दिए जाने वाले खाद्यान्न में भी फोर्टिफाइड चावल का इस्तेमाल कर रहा है, ताकि बच्चों में कुपोषण की समस्या दूर हो सके. इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में भी इसे उपलब्ध कराया जा जा रहा है, ताकि छोटे-छोटे बच्चों और उनकी माताओं में आयरन की कमी न हो सके.
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क्या है फोर्टिफाइड राइस
फोर्टिफाइड राइस पोषणयुक्त चावल है. इसमें विटामिन के साथ-साथ आयरन और फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में हैं. पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा की वजह से फोर्टिफाइड राइस की न्यूट्रीशनल वैल्यू भी ज्यादा होती है.फोर्टिफाइड राइस में आवश्यक पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. चावल को फोर्टिफाइड बनाना भी इसी तरह की एक प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार लाया जाता है. चावल का फोर्टिफिकेशन, चावल में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने और चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार करने का तरीका है.
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थैलेसीमिया व सिकल सेल अनीमिया के रोगियों के लिए बेहद खतरनाक : डॉ. अमित कुमार
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार बताते हैं कि फोर्टिफाइड राइस में आयरन मिला रहता है. थैलेसीमिया व सिकल सेल अनीमिया के मरीजों पहले ही आयरन ओवरलोड रहता है. ऊपर से और आयरन दिये जाने पर शरीर में आयरन की मात्रा बहुत बढ़ जाती है. इससे लीवर व हार्ट बुरी तरह से प्रभावित होता है. इतना ही नहीं आयरन हार्मोन निकलने वाली ग्रंथि में भी जाकर जमा हो जाता है. इससे मानव शरीर के तमाम काम रुक जाते हैं. मरीज की मौत तक हो सकती है. इसलिए फोर्टिफाइड राइस थैलेसीमिया व सिकल सेल अनीमिया के मरीजों के लिए बेहद घातक है. पूर्वी सिंहभूम के जिला आपूर्ति पदाधिकारी -राजीव रंजन ने कहा कि सरकार से प्राप्त निर्देश के मुताबिक जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित लाभुकों को फोर्टिफाइड राइस देना है. विभाग इस निर्देश के मुताबिक अपना काम कर रहा है. ऐसा कोई निर्देश नहीं है कि यह चावल किसे देना है या किसे नहीं. इसलिए समान भाव से योजना के लाभुकों में चावल का वितरण किया जा रहा है.
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पीडीएस दुकान में मिल रहा पोषण युक्त चावल, ग्रामीण समझ रहे प्लास्टिक का : प्रकाश दास
गालूडीह के प्रकाश दास ने कहा कि इन दिनों घाटशिला प्रखंड के जनवितरण प्रणाली की दुकान से कार्डधारियों को सामान्य चावल में फोर्टिफाइड चावल मिलाकर वितरण किया जा रहा है. इससे कार्डधारी असमंजस की स्थिति में हैं. ग्रामीण क्षेत्र के राशन कार्डधारी पौष्टिक चावल को प्लास्टिक चावल समझ कर चुन कर फेंक दे रहे है. पंचायत के मुखिया व जनप्रतिनिधियों से पीडीएस दुकान से प्लास्टिक चावल मिला चावल देने का शिकायत कर रहे हैं.
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सरकारी निर्देश में ही फोर्टिफाइड मिलाया जा रहा : एमओ
प्रखंड के पीडीएस दुकान से राशन कार्डधारकों को सामान्य चावल में सफेद चावल मिलाकर देने को लेकर घाटशिला प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि पीडीएस दुकान के चावल में जो सफेद चावल मिला हुआ है, वह प्लास्टिक का नहीं है, बल्कि पोषण युक्त फोर्टिफाइड चावल है. सरकारी आदेश पर एक क्विंटल सामान्य चावल में आधा किलोग्राम फोर्टिफाइड पौष्टिक चावल मिलान किया जाता है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के कार्डधारियों को पौष्टिक आहार मिल सके. मिलों में फोर्टिफाइड मिलाने के लिए मशीन बैठाया गया है. कार्डधारियों को घबराने की जरूरत नहीं है. वह चावल को चुन कर फेंके नहीं, बल्कि चावल के साथ पका कर खाना है.
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