Jamshedpur: स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका मांझी की जयंती आज शहर में तिलकागढ़ परसुडीह, डिमना चौक और गदड़ा तिलकामांझी चौक में मनाई गई. इस दौरान लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. परसुडीह के तिलकागढ़ में आय़ोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झामुमो नेता राजेश सामंत ने कहा कि ब्रिटिश शासन की क्रूरता से पूरा देश तबाह था. लोगों पर हो रहे शोषण अत्याचार के खिलाफ बाबा तिलका मांझी ने आवाज बुलंद की. जिसके कारण वे अंग्रेजों के दुश्मन बन गए.अंग्रेजों ने उन्हें भागलपुर चौक में बरगद के पेड़ पर सरेआम फांसी दे दी. वह पेड़ आज भी मौजूद है.
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तिलका मांझी के आह्वान पर झारखंड में हुआ था उलगुलान
अंग्रेजों के अत्याचार से आजिज बाबा तिलका मांझी के आह्वान पर झारखंड के आदिवासियों मूलवासियों ने उलगुलान किया था. जिसके कारण झारखंड में अंग्रेजों का काफी नुकसान हुआ. राजेश सामंत ने बताया कि शहीदों के आंदोलन की बदौलत देश आजाद हुआ. झारखंड राज्य अलग हुआ. लेकिन आज भी आदिवासी मूलवासियों का शोषण बदस्तूर जारी है. उनकी जमीनें, यहां की खनिज संपदा लूटी जा रही. दूसरे राज्य के लोग धनवान हो रहे हैं. उन्होंने लोगों से बाबा तिलका मांझी के आंदोलन से प्रेरणा लेकर अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की.
कार्यक्रम में ये लोग थे मौजूद
जेएमएम पूर्वी सिंहभूम के जिला उपाध्यक्ष सागेन पूर्ती, भूपति सरदार, प्रदीप महतो, अखलेश महतो, होंदा दास, विवेक गुप्ता, विक्की सिंह, कृष्णा हेम्ब्रम, खेतु सामड,छोटे सरदार आदि शामिल थे.
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