Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : केन्द्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के निर्णय के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ यूनियन (यूएफबीयू) ने 19 जुलाई को विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी यूएफबीयू ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर दी. यूएफबीयू के संयोजक रिंटू रजक ने कहा कि आज जब पूरा देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. देश को आगे बढ़ने के लिए, अपनी अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है. इस कार्य में हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.लेकिन दुर्भाग्य से सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भूमिका को कम करने की इच्छुक है, और निजी बैंकों को प्रोत्साहन करना उनका मुख्य एजेंडा है. उन्होंने कहा कि यूएफबीयू द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बैंकों के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है.
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इस क्रम में 19 जुलाई को बिष्टुपुर स्टेट बैंक से जुलूस निकाला जाएगा, जो विभिन्न मार्गों के गुजरते हुए पोस्टल पार्क पहुंच कर सभा में तब्दील हो जाएगा. उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को देशभर से लोग दिल्ली के जंतर मंतर पर जुटेंगे और बैंकों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण के परिणामस्वरूप भारी संख्या में शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार का अवसर प्राप्त हुआ है. आज इन बैंकों में लाखों बैंक कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत हैं. बैंकों के निजीकरण के साथ जहां रोजगार के अवसर कम होंगे वहीं आम जनता की मेहनत की कमाई की गारंटी भी नही रहेगी.जो बैंकों के निजीकरण के सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है. उन्होंने लोगो से इस आंदोलन में सहयोग करने की अपील की. प्रेस वार्ता में हीरा अरकने, सुजीत घोष, सपन अदख, रितेश सिंह, सत्येंद्र कुमार, केके दुबे, सरोज राय, विकास रजक, दीपक मंडल, सुब्रतो, सुजय घोष, मंतोश, अमिताभ घोष उपस्थित थे.