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Jamtara: करमाटांड़ प्रखंड क्षेत्र के सीकरपोसनी पंचायत में मनरेगा योजना अंतर्गत सिंचाई कूप निर्माण एवं डोभा निर्माण कार्य में हुए अनियमितता को लगातार.इन के माध्यम से उजागर किया गया. ख़बर प्रकाशित होने के बाद उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए जांच टीम को सोमवार को सीकरपोसनी पंचायत में योजनास्थल रवाना किया. जांच टीम में डीआरडीए निर्देशक रामवृक्ष महतो एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी पल्लवी सिन्हा शामिल रहीं.
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निरीक्षण में क्या कुछ आया सामने ?
निरीक्षण के दौरान उन्होंने बताया कि, सिंचाई कूप निर्माण में गड्ढे की खुदाई लगभग पूर्ण कर दी गई थी. अतिवृष्टि के कारण कुआं दो बार धंस गया है.इसके अलावा यह भी देखा गया कि, कुआं के समीप ईंट व बोल्डर आदि सामग्री मौजूद हैं. जिसको लेकर लाभुक कविता देवी को कूप निर्माण कार्य पुनः प्रारंभ करने का निर्देश दिया. वहीं डोभा निर्माण में यह देखा गया कि, ऑनलाइन में रिकॉर्ड के अनुसार पुराने 40×40 का डोभा सूकर मंडल के नाम पर स्वीकृत है. जिससे 2017-18 में लगभग 40 हजार की निकासी की गई है. उसी डोभा को बिचौलिया द्वारा आकार परिवर्तित करने का प्रयास किया गया था.
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क्या कहते हैं बाबूचांद मंडल और डीडीसी ?
बाबूचांद मंडल ने कहा कि डोभा का निर्माण किया जा रहा था. लेकिन पंचायत सचिव व रोजगार सेवक ने डोभा के आकार परिवर्तन करने की योजना को रोक दिया था. इस काम को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया गया. वहीं डीडीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि, पुराने डोभा के आकार परिवर्तन लाभुक द्वारा किया जा रहा होगा. लेकिन यहां डोभा निर्माण की किसी नई योजना का वर्क कोड नहीं खुला है. निरीक्षण के दौरान एनआरईपी सहायक अभियंता विशाल खालको, प्रमुख ममता कोल, बीपीओ सुशील पंडित, पंचायत सेवक कृष्णा मंडल, रोजगार सेवक विवेकानंद यादव, कनीय अभियंता कमलेश कुमार, दिलीप पांडे छोटेलाल कोल आदि उपस्थित थे.
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