Jamtara : एसपी अनिमेष नैथानी को मिली गुप्त सूचना के आधार रविवार की अहले सुबह जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस ने करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सुब्दीडीह व मुरलीपहाड़ी गांव में छापेमारी की. इस दौरान चार साइबर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों में गिरीडीह जिला के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव निवासी पियारी मंडल है, जो मुरलीडीह गांव छठियारी का निमंत्रण देने पहुंचा था. इस दरम्यान पुलिस ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके विरुद्ध गिरीडीह थाना कांड संख्या-17/23 के तहत साइबर अपराध का मामला दर्ज है. जिसमें वह फरार चल रहा था. वहीं सुब्दीडीह गांव से इजहार अंसारी, मोजाहिद अंसारी व सफाउल अंसारी को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार सफाउल अंसारी नारायणपुर थाना क्षेत्र के मानपुर गांव का रहने वाला है. उसके विरुद्ध साल 2017 में नारायणपुर थाना में साइबर अपराध का कांड दर्ज है. उक्त मामले में पुलिस की ओर से न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया गया है. इन सभी आरोपियों के खिलाफ जामताड़ा साइबर अपराध थाना कांड संख्या-67/23 के तहत भादवि की धारा 414, 419, 420, 467, 468, 471 भादवि एवं आईटी एक्ट की धारा 66 बी सी डी दर्ज किया गया है. आरोपियों के पास से 15 मोबाइल, 31 सिम व 03 बाइक जब्त की गई है.
राजस्थान व गुजरात के लोगों से करता था साइबर ठगी
साइबर डीएसपी मन्जरूल होदा व थाना प्रभारी मनोज कुमार ने रविवार को जामताड़ा साइबर थाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने साइबर ठगी का नया तरीका ढूंढ लिया था. खासकर गुजराज व राजस्थान के लोगों से साइबर ठगी करता था. कहा कि गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार किया है कि गूगल सर्च इंजन पर एनीमल प्रोटेक्शन के नाम पर हेल्पलाइन नंबर जारी किया था. जिस हेल्पलाइन पर संपर्क करने वाले सड़क व गली-मुहल्लों में विचरण करने वाले आवारा पशुओं को सुरक्षित रखने का भरोसा देता था. इसके एवज में संपर्क करने वाले व्यक्ति को प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में 10 रुपए जमा करने को कहता था. वहीं प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में 10 रुपए जमा करने की जगह क्यूक सपोर्ट एप व अन्य शेयरिंग एप डाउनलोड करवाकर ई-बैकिंग से संबंधित सारी जानकारियां हासिल कर लेता था. उसके बाद साइबर ठगी करता था.
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