Jamtara : जिला परिषद कार्यालय ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए 2.5 करोड़ रुपए का टेंडर निरस्त कर दिया है. जब इसकी सूचना जिला संवेदक संघ को मिली तो गुरूवार को जिला परिषद कार्यालय के समक्ष संघ के सदस्यों ने बैठक कर परिमाण-विपत्र मूल्य की राशि वापस करने को लेकर दबाब बनाया, लेकिन उनका दबाव काम न आया. चूंकि टेंडर की शर्त के अंतिम कंडिका में यह उल्लेखित है कि जिला परिषद के जिला अभियंता अपरिहार्य कारणों से टेंडर निरस्त कर सकते हैं. साथ ही टेंडर निरस्त होने पर परिमाण विपत्र का मूल्य वापस नही किया जाता.
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मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने प्रशासनिक स्वीकृति निरस्त की
जिला परिषद कार्यालय जामताड़ा की ओर से निविदा आमंत्रण सूचना संख्या 02/2020-21 के तहत 36 ग्रुप के लिए टेंडर निकाला गया था. इसमें से करीब 7 ग्रुप के टेंडर को पहले ही निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद शेष 29 ग्रुप के लिए 16 दिसंबर को टेंडर की प्रक्रिया अपनायी गई थी, लेकिन तकनीकी कारणों से मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने योजना के लिए दी गई प्रशासनिक स्वीकृति को निरस्त कर दिया. प्रशासनिक स्वीकृति निरस्त हो जाने के बाद टेंडर की प्रक्रिया को भी निरस्त करना पड़ा.
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29 ग्रुप के लिए 412 परिमाण विपत्र की हुई थी बिक्री
जिला परिषद कार्यालय की ओर से 29 ग्रुप के लिए 412 परिमाण-विपत्र की बिक्री हुई थी. परिमाण विपत्र की बिक्री से जिला परिषद कार्यालय को करीब साढ़े छह लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है.
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कई ग्रुप में टेंडर मैनेज होने का मामला आ रहा सामने
कुछ संवेदको ने दबी जुबान से यह आरोप लगाया कि कुछे ग्रुप को मैनेज कर टेंडर डाला गया था. टेंडर मैनेज के खेल के कारण ही दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जिस ग्रुप का टेंडर मैनेज किया गया था, उसमें बड़ी रकम की हेर-फेर हुई है.
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अधिकारी बोले- तकनीकी कारणों से निरस्त करना पड़ा टेंडर
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि तकनीकी कारणों से टेंडर को निरस्त करना पड़ा है. शर्त के आधार पर टेंडर निरस्त होने पर परिमाण-विपत्र को मूल्य को वापस नही किया जा सकता है. जिला अभियंता जीतेन्द्र कुमार ने कहा कि टेंडर की शर्त में उल्लेखित है कि अपरिहार्य कारणवश इसे निरस्त किया जा सकता है. टेंडर निरस्त होने पर परिमाण-विपत्र के मूल्य को वापस नहीं किया जा सकता है.