Jamui : आधुनिकता के इस युग में बेटियां किसी भी चीज में बेटों से पीछे नहीं हैं. लेकिन फिर भी हर मां-बाप को बेटे की चाहत होती है, जो उनके वंश को आगे बढ़ाये. लेकिन बेटे की ललक कभी-कभी उनको परेशानी में डाल देती है. ऐसा ही मामला जमुई के खैरा प्रखंड के मांगोबंदर गांव से सामने आया है. जहां 27 वर्षीय बिंदू देवी को पहले से दो बेटियां थी. लेकिन बेटे की चाहत में उसको एक साथ तीन बेटियां हो गयी. जिसके बाद वो पांच बेटियों की मां बन चुकी है. जच्चा-बच्चा सभी स्वस्थ हैं. लेकिन परिवार में तीन बच्चों के जन्म से खुशी की बजाय मायूसी और चिंता है.
पांच बच्चियों के मां बनने से बढ़ी चिंता
दरअसल बिंदू देवी के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उसका पति मजदूरी करके किसी तरह दो बेटियों का पालन पोषण करता था. लेकिन तीन बच्चियों के जन्म के बाद उसकी चिंता और बढ़ गयी है. उसे चिंता सता रही है कि मजदूरी कर वो कैसे पांच बच्चियों का भरण पोषण करेगी. उनको कैसे पढ़ायेगी-लिखायेगी. बिंदू का कहना है कि उसको राशन भी नहीं मिलता है और ना ही कोई अन्य सरकारी सुविधाएं मिलती हैं.
सरकार समय-समय पर मुहिम चलाकर लोगों को कर रही जागरुक
बता दें कि सरकार हम दो हमारे दो की मुहिम चलाकर समय-समय पर लोगों को जागरुक करती है. लेकिन लोगों में आज भी जागरुकता का अभाव है. बिंदू देवी इसका जीता जागता उदाहरण है. जो बेटे की आस में आज पांच बेटियों की मां बन गयी है. सरकार बेटा और बेटी में भी फर्क मिटाने की कोशिश कर रही है. लेकिन इसको लेकर भी लोग जागरुक नहीं हो रहे हैं. उन्हें अपना वंश आगे बढ़ाने के लिए बेटा ही चाहिए.