Ranchi : कडरू निवासी झारखंड आंदोलनकारी आलोक लकड़ा का हार्ट अटैक से निधन हो गया. मंगलवार को दोपहर 12 बजे इनका अंतिम संस्कार जीईएल चर्च कब्रिस्तान सिरमटोली बाबूलेन में किया गया. इनके निधन पर आजसू के संस्थापक अध्यक्ष प्रभाकर तिर्की, पूर्व टीएसी सदस्य रतन तिर्की समेत कई ने श्रद्धासुमन अर्पित किया. रतन तिर्की ने कहा, झारखंड अलग राज्य की लड़ाई में आलोक लकड़ा की अहम भूमिका रही. वे झारखंड आंदोलन के एक मजबूत स्तंभ थे.
आंदाेलन के दौरान मेरे संग तीन महीने जेल काटी थी- तिर्की
रतन तिर्की ने अलग राज्य के लिए आंदोलन के दौरान आलोक लकड़ा की भूमिका को याद करते हुए कहा कि वर्ष 1987 में 25 सितंबर को आजसू ने 24 घंटे के झारखंड बंद की घोषणा की थी. आलोक लकड़ा भी प्रभाकर तिर्की की अगुवाई में बंद करा रहे थे. रात में पुलिस ने 69 युवा आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया. कोतवाली थाना ले जाकर उसी रात सभी को हजारीबाग जेल भेज दिया गया. आलोक भी तीन महीने तक आंदोलनकारियों के साथ हजारीबाग जेल में बंद रहे. आलोक के साथ प्रभाकर तिर्की, साधू चरण पूर्ति, आनंद गिद्ध, अशोक साहू, शिशिर लकड़ा, सूचित भगत, क्रिस्टोफर बा, राजेश कुजूर, मुकुल सोरेंग, प्रताप केरकेट्टा, पीटर सोरेंग, हरिशंकर मुंडा, रवि रोशन बारला भी शामिल थे.
इसे भी पढ़ें – रांची में 24 सितंबर तक बारिश, इन जिलों के लिए अलर्ट जारी
Subscribe
Login
0 Comments