Ranchi : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की केंद्रीय समिति के तत्वावधान में गुरुवार को मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका के सामने एक दिवसीय उपवास किया गया. झारखंड आंदोलनकारियों ने कहा कि हजारों आंदोलनकारियों ने अलग राज्य बनाने में अपना बलिदान दिया है. लेकिन अबतक उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला है. इसी आंदोलन की बदौलत बनी हेमंत सोरेन की सरकार आज तीन साल पूरे होने पर खुशी मना रही है और हम आंदोलनकारी सड़क पर बैठे हैं. सरकार अलग राज्य के लिए बलिदान देनेवालों की उपेक्षा कर रही है.
झारखंडी सेनानी का दर्जा दिया जाना चाहिए – किशोर
उपाध्यक्ष किशोर किस्कू ने कहा कि झारखंड आंदोलन की उपज वाली सरकार सत्ता में बैठी है. इसके बावजूद हमारी बात नहीं सुनी जा रही है. आने वाले चुनाव में इसका असर दिखेगा. आंदोलनकारियों की स्थिति खराब है. पूरा जीवन झारखंड आंदोलन में बिता दिया. प्रत्येक आंदोलनकारी को सम्मान देने के बात होनी चाहिए थी. आंदोलनकारियों को सेनानी का दर्जा देने की बात होनी चाहिए था. कम से कम झारखंडी सेनानी का दर्जा दिया जाना चाहिए था. लेकिन आंदोलनकारियों को सम्मान नहीं दिया जा रहा है. उनके परिवार वालों को शिक्षा व्यवस्था तक मुहैया नहीं करायी जा रही है. मौके पर धनबाद जिला अध्यक्ष शिव शंकर शर्मा, छत्रपति महतो, बालकिशुन रजवार, सीता उरांव, ब्रजेश पांडेय, हाफिज खान, भोला मांझी, शिवचरण मंडल समेत बड़ी संख्या में झारखंड आंदोलनकारी उपस्थित थे.