New Delhi : झारखंड सरकार द्वारा ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल घोषित करने और गुजरात के पलिताना में उनके मंदिर में तोड़फोड़ के फैसले के खिलाफ जैन समुदाय के सदस्यों ने मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद में रविवार को भारी विरोध किया. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया.
‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल घोषित करने के झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ जैन समुदाय के लोगों ने दिल्ली के इंडिया गेट के पास प्रदर्शन किया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, झारखंड सरकार द्वारा जैन दिगंबर श्वेतांबर समाज के पवित्र स्थल भगवान पारसनाथ पर्वत को पर्यटक स्थल घोषित किया गया है. जिससे वहां पर होटल खुलेंगे. इसी बदलाव से जैन समाज नाराज है और विरोध के लिए सड़क पर उतर गया है. जैन समाज के मुनियों ने कहा है कि जो भी हमारी मांगे हैं, उन्हें शांतिपूर्वक तरीके से मानें. उन्होंने कहा कि ये नहीं भूलना चाहिए कि जैन समाज देश का सिर्फ एक प्रतिशत है, लेकिन वो देश का कुल 24 फीसदी टैक्स देता है.
शत्रुंजय पहाड़ी पर तोड़फोड़ से है नाराजगी
गुजरात के भावनगर जिले के पालीताना में शत्रुंजय पहाड़ी पर लगे बोर्ड और लोहे के खंभे को क्षतिग्रस्त किया गया था. पूरी घटना खंभे में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी. पवित्र शत्रुंजय पहाड़ियों को कथित तौर पर अपवित्र करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जैन समुदाय के सैकड़ों सदस्यों ने रविवार को अहमदाबाद में एक रैली निकाली. समुदाय के धार्मिक प्रमुखों के नेतृत्व में सैकड़ों लोग रैली में शामिल हुए और तीन किलोमीटर पैदल चलकर अवैध खनन गतिविधियों, शराब के अड्डों और पहाड़ियों पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. बता दें कि समुद्र तल से लगभग 164 फुट ऊपर शत्रुंजय नदी के तट पर स्थित, पालीताना शहर के निकट इस शत्रुंजय पहाड़ी पर 865 जैन मंदिर स्थित है और श्वेतांबर जैनियों के लिए एक पवित्र स्थान है.
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