Ranchi : पेट्रोल और डीजल पर बढ़े वेट और पेट्रोल पंपों का सरकार पर करोड़ों रुपये बकाया को लेकर अब झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन खुल कर सामने आ गया है. एसोसिशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगले 15 दिनों के अंदर करीब 72 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान और 10 दिनों के अंदर वैट की दरों को 22 प्रतिशत से 17 प्रतिशत नहीं किया जाता है. तो सरकारी गाड़ियों को तेल की आपूर्ति रोक दी जायेगी. फिर भी सरकार मांगों पर विचार नहीं करती है, तो 7 दिन जनजागरण अभियान चलाकर जनता को सच्चाई बतायी जाएगी, फिर 21 दिसम्बर को एक दिवसीय हड़ताल की जायेगी. यह फैसला शुक्रवार को एसोसिएशन द्वारा पेट्रोल पंप संचालकों की बैठक में लिया गया.
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सस्ता होने के कारण मुगलसराय से वाहनों में भरा रहे हैं तेल, इससे नुकसान झारखंड के पेट्रोल पंपों को
एसोसिशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के समय फरवरी 2015 को वैट की दरों को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया था. तभी से पेट्रोल-डीजल से जुड़ा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में कम वैट होने के कारण वहां सस्ते में तेल मिल जाता है. जिससे राज्य से गुजरने वाले वाहन मुगलसराय से तेल भरा रहे हैं. इससे झारखंड के पेट्रोल पंपों को नुकसान पहुंच रहा है. सरकार अगले 10 दिनों के अंदर एक उच्चस्तरीय कमिटी बनाकर वैट सहित सभी मुद्दों पर प्रमुखता से विचार कर इसका समाधान करें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र है कि सत्ता में आने के बाद पेट्रोल और डीजल पर वेट कम किया जाएगा.
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सरकार उधार तो लेती है, पर उसके भुगतान की नहीं है कोई समय सीमा
सरकार पर पेट्रोल पंपों के करोड़ों के बकाये की बात भी एसोसिएशन की बैठक में उठी. कहा गया कि कोविड काल में मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचने के लिए पेट्रोल पंपों से डीजल लिया गया. जिसका भुगतान नहीं किया गया. रोजमर्रा में उपयोग के अलावा मंत्रियों के लंबे काफिले में होने वाले वाहनों में भी पेट्रोल पंपों से ही तेल लिया जाता है. लेकिन सरकार द्वारा इसका पेमेंट करने की कोई समय सीमा नहीं है. अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हर जिलों में एक से दो पेट्रोल पंपों से सरकार को पेट्रोल-डीजल का भुगतान होता है. हर पंपों का सरकार पर 1 से 1.5 करोड़ रुपये बकाया है. यानी 24 जिलों में करीब 72 करोड़ रुपये बकाया है. कंपनियों द्वारा पंपों पर दबाव बनाया जा रहा है. सरकार से मांग है कि अगले 15 दिनों के अंदर बकाया राशि का भुगतान करें. ऐसा नहीं होने पर सरकार को तेल की आपूर्ति बंद करने पर विचार किया जाएगा.
बायो डीजल की आड़ में इंडस्ट्रियल ऑयल की आपूर्ति को रोकने पर सरकार करें पहल
अध्यक्ष ने बताया कि आज बायो डीजल की आड़ में इंडस्ट्रियल ऑयल की आपूर्ति की जा रही है. राज्य में इसे करीब 73 से 74 रुपये लीटर तक बेचा जा रहा है. इससे पेट्रोलियम उद्योग में लगे लोगों को काफी नुकसान तो हो ही रहा है. साथ ही प्रदूषण का खतरा और गाड़ियों को नुकसान भी पहुंच रहा है. यह मिलावटी तेल है. सरकार से एसोसिएशन की मांग है कि गुजरात सरकार की तरह झारखंड में इसे बैन किया जाए.