रांची : हेमंत सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों की लगातार की जा रही कार्रवाई के बाद प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. झामुमो, कांग्रेस और राजद (हेमंत सरकार के तीनों सहयोगी पार्टियां) ने आरोप लगाया है कि राज्य निर्माण के बाद से सबसे ज्यादा जनसमर्थन से चुनी हुई गठबंधन सरकार को आज केंद्रीय एजेंसियों की मदद से अपदस्थ करने की कोशिश हो रही है. इस बाबत गठबंधन दल के नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन राज्यपाल रमेश बैस के मार्फत राष्ट्रपति को भेजा गया है.
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केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग
सौंपे गये ज्ञापन में महागठबंधन के नेताओं ने केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है. इसमें कहा गया है कि संविधान के संरक्षक होने के नाते आप लोकतंत्र के चीरहरण को मौन होकर नहीं देख सकती. संघीय ढांचे को तार-तार होने से आपको बचाना ही होगा. हम केंद्रीय एजेंसियों को रोक नहीं सकते. परंतु आपसे गुहार जरुर लगा सकते हैं.
‘एकमात्र उद्देश्य चुनी हुई सरकार को गिराना’
ज्ञापन में कहा गया है कि हेमंत सरकार ने जब कोरोना जैसी विपरीत परिस्थितियों में काम कर रही थी, तब भाजपा एक जिम्मेवार विपक्ष की भूमिका निभाने की जगह चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करने का कुत्सित प्रयास कर रही थी. विधायकों को तोडने के प्रयास से लेकर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग शुरू हुआ. यह सिलसिला लगातार जारी है. केंद्रीय एजेंसियों की पिछले 6 माह की भूमिका को देखें, तो स्वतः स्पष्ट हो जायेगा कि उनका एकमात्र उद्देश्य चुनी हुई सरकार को गिराना है.
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‘आज केंद्र सरकार के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियां कर रही काम’
ज्ञापन में कहा गया है कि आज हमारे लोकप्रिय नेता (हेमंत सोरेन) को प्रताड़ित किया जा रहा है. राज्य निर्माता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भी भाजपा नेताओं ने बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. इनके खिलाफ लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई गई. इन सभी कामों के लिए केंद्रीय एजेंसियों यथा- चुनाव आयोग. ईडी एवं आयकर विभाग का सहारा लिया जा रहा है. यह देखने की बात है कि केंद्रीय एजेंसियों के हर गोपनीय कदम की जानकारी भाजपा नेताओं की ट्विट से मिलती है. इतना ही नहीं इससे स्पष्ट होता है कि केंद्रीय एजेंसियां आज केंद्र सरकार के इशारे पर चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना चाहती हैं.