Dhanbad: विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर एकदिवसीय धरना दिया गया. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने शांति के साथ अपनी मांगें रखीं. इस अवसर पर टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों के कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू नहीं कर रही है. इस पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जाना चाहिए.
इसे भी पढ़ें-नगर निगम को पार्षद ना बनायें राजनीति का अखाड़ा- मेयर
ठंडे बस्ते में अल्पसंख्यकों की कल्याणकारी योजनाएं
अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मो. आजाद ने कहा कि अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए सन् 1992 में इस आयोग का गठन किया गया था. इसके लिए काम किया जाना चाहिए था. जब से केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार आई तब से अल्पसंख्यकों की कल्याणकारी योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गईं. 28 वर्षों के बाद जेएमएम कांग्रेस गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दृढ़ इच्छाशक्ति के बदौलत राज्य के अल्पसंख्यकों के लिए नई-नई योजनाएं लागू की जा रही हैं. केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों को उनका हक नहीं दे रही है. झामुमो अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ केंद्र सरकार से मांग करती है कि उन्हें उनका अधिकार दिया जाय.
इसे भी पढ़ें-क्या कृषि सब्सिडी का गणित जानते हैं हम?
सरकार को दस सूत्री मांगपत्र
कार्यक्रम के बाद प्रकोष्ठ का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त के माध्यम से केंद्र सरकार को दस सूत्री मांगपत्र सौंपा. मांगपत्र में पूरा विवरण दिया गया. उनकी मांगें हैं कि भारत सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याणकारी योजनाओं को मौजूदा योजनाओं के दिशा निर्देशों के तहत क्रियान्वित करे. एमएसडीपी के अंतर्गत आनेवाले मदरसे और शहरी क्षेत्र में छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण हो. मदरसा जमयतुल इस्लाह कविरडीह एवं कोलफील्ड यतीमखाना को अपग्रेड किया जाय. 25 प्रतिशत अल्पसंख्रयक वाले क्षेत्रों में कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाए. इसमें शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य और बिजली की व्यवस्था बहाल करने जैसी मांगें हैं.
इसे भी पढ़ें-‘आमया’ संस्था ने प्रदर्शन कर सरकार से मुसलमानों का हक मांगा