Ranchi: झारखंड विधानसभा में दिखा बीजेपी विधायकों का सांप्रदायिक आचरण उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी से संबंधित है. जिस तरह चुनाव से 6 महीने पहले मुजफ्फरनगर दंगे की स्क्रिप्टिंग हुई थी. वैसे ही इस बार भी यूपी में सांप्रदायिक दंगे फैलाने की स्क्रिप्ट झारखंड में तैयार की गई है. विधानसभा में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक आचरण और नारे भानु प्रताप शाही ने लगाया. उनका विधानसभा यूपी से सटा हुआ है. मतलब साफ है बीजेपी यूपी को चुनाव से पहले सांप्रदायिकता की आग में झोंकने की तैयारी कर रही है. यह आरोप लगाया है जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने.
बीजेपी विधायकों की राजनीतिक उदंडता
सुप्रियो ने कहा कि बीजेपी विधायकों ने नमाज कक्ष के मुद्दे पर विधानसभा में झाल, ढोल, मंजीरा बजाये. शोक प्रस्ताव के दिन विधायकों ने जो राजनीतिक उदंडता का प्रदर्शन किया था उससे स्पष्ट हो चुका था कि आगे क्या होने वाला है. बीजेपी विधायकों ने राज्य को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने की पूरी कोशिश की है. उन्होंने कहा कि जेएमएम सांप्रदायिक मंशा वालों को चेतावनी देती है कि राज्य में उनकी दाल नहीं गलेगी. एक के बाद एक बीजेपी का अभेद किला ढहता जा रहा है.
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अब हौसला क्यों टूट गया
सुप्रियो ने कहा कि बीजेपी के नेता कह रहे थे कि सरकार से जमकर लोहा लेंगे. संघर्ष जारी रहेगा, तो अब ये रोना क्यों रो रहे हैं कि हमपर केस कर दिया. धाराएं क्यों लगा दी. जेएमएम के नेताओं ने तो इससे भी कठिन धाराएं झेलकर राज्य को मुक्त किया और इनका हौसला इतने में ही टांय-टांय फिस्स हो गया.
पुलिस से उलझने की मंशा बनाकर आये थे बीजेपी नेता
सुप्रियो ने कहा कि विधानसभा घेराव के दिन बीजेपी की सभा स्थल के पीछे दो एंबुलेंस थे. सांसद का बैनर टांगकर रखा गया था. एंबुलेंस लाने के पीछे उनकी मंशा साफ थी कि पुलिस से उलझना है. वे पूरी तैयारी करके आये थे. दीपक प्रकाश पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि एक नेताजी बाद में पहुंचकर भाषण देते हैं और फिर बीजेपी के लोग ही उनका हाथ ऐंठ देते हैं.
वहीं जब सारा हंगामा खत्म हो गया तो बीजेपी वालों ने एक नेता को बैरिकेटिंग पर चढ़ा दिया. उनका इशारा संजय सेठ की तरफ था. बाबूलाल पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि एक नेता विधानसभा के लॉन में काला गमछा लगाकर फोटो खिंचवा रहे थे. उन्हें तो बीजेपी वाले ही अपना नेता नहीं मानते.
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