Ranchi/ Delhi : जेपीएससी कट ऑफ डेट मामले में देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एमआर शाह एवं जस्टिस ए एस बोपन्ना की खंडपीठ ने प्रार्थियों द्वारा दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी किया . और पूछा है कि 5 वर्षो से परीक्षा नहीं हुई है ऐसी परिस्थितियों के प्रतिवादी एक बार के लिये उम्र सीमा में छूट देने के लिए तैयार हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तिथि निर्धारित की है.
इसे भी पढ़ें – साहिबगंज : नहीं मिली एंबुलेंस, खाट पर लेटाकर 12 किमी पैदल चलकर मरीज को पहुंचाया अस्पताल
21 वर्षों में JPSC अब तक सिर्फ 6 परीक्षाएं ही ले पाया है.
प्रार्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रोहित राठी और झारखण्ड हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज और अधिवक्ता कुमारी सुगन्धा ने शीर्ष अदालत में पक्ष रखा. वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत से कहा कि 21 वर्षों में JPSC अब तक सिर्फ 6 परीक्षाएं ही ले पाया है. इस परीक्षा से तैयारी कर रहे अभ्यार्थियों को काफी उम्मीदें हैं. जिसपर कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि हम आपकी परेशानी समझ रहे हैं, लेकिन नीति निर्धारण सरकार का निर्णय है.
इसे भी पढ़ें – विराट कोहली वनडे और टी-20 की कप्तानी से दे सकते हैं इस्तीफा, रोहित शर्मा को मिल सकती हैं कमान
झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है
बता दें कि जेपीएससी परीक्षा 2021 में उम्र की सीमा निर्धारण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है. रीना कुमारी व अमित कुमार सहित अन्य की ओर से दाखिले एसएलपी में झारखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है. जिसमें अदालत ने राज्य सरकार की ओर से उम्र के निर्धारण को सही माना था. जबकि प्रार्थिओं का कहना है कि नियमानुसार जेपीएससी को हर साल परीक्षा आयोजित करनी थी. पूर्व में जेपीएससी की ओर से निकाले गए विज्ञापन में उम्र का निर्धारण वर्ष 2011 रखा गया था. लेकिन इसे वापस लेते हुए दोबारा संशोधित विज्ञापन जारी किया गया. जिसमें उम्र के निर्धारण वर्ष 2016 कर दिया गया. 5 वर्ष उम्र अधिक होने की वजह से हजारों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें – खूंटी : दो ट्रेलर में सीधी टक्कर, दो की मौत