Ranchi: जेपीएससी की कंबाइंड सिविल सेवा-2021 का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है.अभ्यर्थियों द्वारा दायर उम्र की छूट मांगने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
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अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की गई है
मामले में अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की गई है. उम्र सीमा में छूट दिए जाने को लेकर मुकेश कुमार व अमित कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उनकी ओर से जेपीएससी परीक्षा के उम्र की कट ऑफ डेट एक अगस्त 2016 को घटाकर एक अगस्त 2011 करने की मांग की है.
झारखंड के हजारों छात्र परीक्षा में उपस्थित होने से वंचित हो जाएंगे
बता दें कि 7-10वीं सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम उम्र सीमा 2011 के बजाय 2016 करने के फैसले का कई छात्र विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि अधिकतम उम्र सीमा 1 अगस्त 2011 करने की जगह 1 अगस्त 2016 करने से झारखंड के हजारों छात्र परीक्षा में उपस्थित होने से वंचित हो जाएंगे.
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प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा परीक्षा लेने का फैसला सरकार ने किया
वहीं आयोग द्वारा छठी सिविल सेवा परीक्षा 2016 में अधिकतम आयु सीमा की गणना के लिए कट ऑफ डेट 1 अगस्त 2010 निर्धारित की गई थी. 2016 की परीक्षा विज्ञापन के प्रकाशन से लेकर परीक्षाफल के प्रकाशन में 4 वर्ष से अधिक का समय लग गया था. एक परीक्षा को पूरा होने में लगे रहे लंबी अवधि को देखते हुए सरकार ने 8 जनवरी 2021 को कैबिनेट से The Jharkhand Civil Services Examination Rules, 2021 को पास किया. इसके प्रावधानों के आलोक में आयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा परीक्षा लेने का फैसला सरकार ने किया है.
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चार सिविल सेवा परीक्षा एक साथ लेने का फैसला किया
नए Rules के तहत सरकार ने 2017, 2018, 2019 और 2020 में चार सिविल सेवा परीक्षा एक साथ लेने का फैसला किया. परीक्षा में अभ्यर्थियों के हितों को देखते हुए विभागीय संकल्प संख्या 805 के 5 फरवरी 2021 के द्वारा कट ऑफ डेट 1 अगस्त 2016 करने का निर्णय सरकार ने लिया है.
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