Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की बेंच में जेएसएमडीसी की ओर से दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. अदालत ने पूर्व में दिए गए अंतरिम आदेश को बरकरार रखते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है. वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने जेएसएमडीसी को पाताल ईस्ट कोयला खदान आवंटित किया था. जेएसएमडीसी को कोयला खदान से खनन कार्य प्रारंभ करना था.
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जेएसएमडीसी ने दूसरा कोयला खदान आवंटित करने का किया अनुरोध
उसने सीएमपीडीआई से उस खदान की आर्थिक संभाव्यता रिपोर्ट मांगी तो यह पता लगा की खदान आर्थिक रूप से फायदे का सौदा नहीं है. क्योंकि इसमें ओवरबर्डन बहुत अधिक है और उसके निकालने की लागत कोयले की लागत से कहीं अधिक होने की संभावना है. इसके बाद जेएसएमडीसी ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि पाताल ईस्ट कोल खदान के बदले उसे दूसरी कोयला खदान आवंटित कर दिया जाए.
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2016 का आवंटन रद्द
केंद्र सरकार ने दूसरे कोयला खदान आवंटित करने के बदले 2016 में किया गया आवंटन को रद्द कर दिया और 82 करोड़ रुपए जब्त करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी. केंद्र सरकार के इस फैसले को जेएसएमडीसी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट में जब्ती की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया था और केंद्र सरकार को जवाब दायर करने को कहा था.
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जेएसएमडीसी ने बताया केंद्र सरकार की ओर से अब तक जवाब दायर नहीं किया गया है. बल्कि केंद्र सरकार ने एकल पीठ द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश को डिवीजन बेंच में याचिका दायर कर दी है. एकल पीठ ने मामले की सुनवाई डिविजन बेंच के द्वारा सुनवाई पूरा कर लिए जाने के बाद किए जाने का आदेश देते हुए मामला स्थगित कर दिया गया.
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