Ranchi: धनबाद के दिवंगत उत्तम आनंद के मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि यह पूरी घटना मोबाइल चोरी के कारण हुई है. जिस पर अदालत ने कहा कि सीबीआई इस मामले की तह तक नहीं पहुंच पायी है. क्योंकि नारको टेस्ट में आरोपियों ने यह स्वीकार किया है कि घटना को अंजाम देने से पहले उन्हें यह मालूम था कि जिस व्यक्ति को टक्कर मार रहे हैं, वह एक जज है. और जिस वक्त जज को टक्कर मारी गई उस वक्त उनके हाथ में मोबाइल नहीं रुमाल था.
तो ऐसे में मोबाइल चोरी के लिए या घटना नहीं हो सकती. इसके साथ ही अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सीबीआई का यह कहना कि मोबाइल चोरी के लिए घटना को अंजाम दिया गया है, यह आरोपियों को बचाने वाला तर्क प्रतीत होता है. अदालत में इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए निर्धारित की है. इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.
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मॉर्निंग वॉक के दौरान ऑटो ने मारी थी टक्कर
पिछले साल 28 जुलाई को मॉर्निंग वॉक करते समय जज उत्तम आनंद को एक ऑटो ने टक्कर मार दी थी. जिसमें उनकी मौत हो गयी थी. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. इस मामले में सीबीआई ने 20 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई ने आईपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी.
धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की मौत मामले की जांच सीबीआई की दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 कर रही है. जज मौत मामले में जांच के लिए सीबीआई ने दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 के सीनियर एसपी जगरूप एस सिन्हा के नेतृत्व में 20 अफसरों की स्पेशल टीम बनायी है. जज की पत्नी कृति सिन्हा की शिकायत पर धनबाद थाना में दर्ज केस (300/21) को आधार बनाया गया है. बता दें कि झारखंड सरकार ने बीते एक अगस्त को इस मामले को लेकर CBI जांच की सिफारिश की थी. इसी अनुशंसा के आधार पर सीबीआई बीते चार अगस्त ने केस दर्ज कर ली थी.
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