‘Bengaluru : भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक में कक्षाओं में हिजाब पहनने पर लगाये गये प्रतिबंध हटाने के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कहा है कि यह शिक्षण संस्थानों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति के प्रति चिंता पैदा करता है. दरअसल कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कल शुक्रवार को कहा था कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगाया गया प्रतिबंध 23 दिसंबर से हटा दिया जायेगा. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | On Hijab ban to be lifted in Karnataka, State Primary and Secondary Education Minister Madhu Bangarappa says, “This issue should not be politicised…The State education policy is inclusive of culture, studies and other things…” pic.twitter.com/Y3edwInhyU
— ANI (@ANI) December 23, 2023
#WATCH | Delhi: On hijab row, Karnataka BJP President BY Vijayendra says, “Yesterday’s statement of Karnataka CM Siddaramaiah regarding the hijab issue is really unfortunate. It is very unfortunate that Siddaramaiah has said that he will allow hijab in educational institutions.… pic.twitter.com/VkiIgZzkuQ
— ANI (@ANI) December 23, 2023
स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर लगे बैन को हटाने के लिए अधिकारियों को निर्देश
उन्होंने यह भी कहा कि कपड़े पहनने और भोजन का चयन व्यक्तिगत मामला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर लगे बैन को हटाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं. कहा कि पीएम मोदी का सब का साथ, सब का विकास का नारा फर्जी है. आरोप लगाया कि भाजपा परिधान और जाति के आधार पर लोगों और समाज को बांट रही है.
सरकार युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रही है : भाजपा
इस पर भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रही है. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगाये गये प्रतिबंध को हटाने का निर्णय शैक्षणिक संस्थानों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति के प्रति चिंता पैदा करता है. उन्होंने कहा, शिक्षण संस्थानों में धार्मिक परिधान को मंजूरी देकर सिद्धरमैया सरकार युवाओं को धार्मिक आधार पर बांटने का काम कर रही है और पढ़ने-लिखने के समग्र वातावरण में व्यवधान पैदा कर रही है.
राज्य सरकार ने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के दौरान छात्राओं को हिजाब पहनने की मंजूरी दी थी
विजयेंद्र ने कहा कि यह जरूरी है कि विभाजनकारी गतिविधियों के बजाय शिक्षा को तरजीह दी जाये और ऐसा माहौल पैदा किया जाये जहां छात्र धार्मिक प्रथाओं से प्रभावित हुए बगैर शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित कर सकें. इस साल अक्टूबर में राज्य सरकार ने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के दौरान छात्राओं को हिजाब पहनने की मंजूरी दी थी. इसके बाद से कयास लगाये जा रहे थे कि राज्य में हिजाब पर लगे बैन को पूरी तरह से हटाया जा सकता है.
मामले की तह में जायें तो फरवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में क्लासरूम में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बाद कई शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बाद कर्नाटक की तत्कालीन बसवराज बोम्मई (भाजपाः सरकार ने स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पर बैन लगाने के आदेश जारी किये थे.