Thiruvananthapuram : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को राज्य की वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ अपने हमले तेज करते हुए उस पर राजभवन समेत असहमति जताने वाले वालों की आवाज को चुप कराने का आरोप लगाया. श्री खान ने 2019 में कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में उन्हें कथित रूप से परेशान किये जाने और केरल के राजस्व के मुख्य रूप से लॉटरी एवं शराब की ब्रिकी पर आधारित होने समेत कई मामलों को लेकर सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) पर निधाना साधा.
Whatever happened with me (physical attack) in Kannur had happened in presence of many police personnel. In the video from then, you can see a senior political functionary, who’s now in CM office, preventing police from acting: Kerala Governor AM Khan, in Thiruvananthapuram pic.twitter.com/yYesn6ntzS
— ANI (@ANI) September 19, 2022
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वीडियो क्लिप मीडिया के साथ साझा किये
केरल के राज्यपाल ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए, कन्नूर विश्वविद्यालय में एक समारोह में उन्हें कथित रूप से परेशान किये जाने के वीडियो क्लिप मीडिया के साथ साझा किये. उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा उन्हें भेजे गये पत्र और उनके भेजे जवाब भी मीडिया में जारी किये. खान ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के तौर पर उनकी शक्तियां कम किये जाने के स्पष्ट मकसद वाले विधेयक को हाल में विधानसभा में पारित किये जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया.
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राजभवन को भी नहीं बख्शा गया
उन्होंने राज्य सरकार पर उससे भिन्न विचार रखने वाले लोगों को चुप कराने का आरोप लगाया और कहा कि यहां तक कि राजभवन को भी नहीं बख्शा गया. राज्यपाल श्री खान ने राजभवन सभागार में लगाये गये दो बड़े स्क्रीन पर घटना के वीडियो दिखाये. उन्होंने कहा कि इन वीडियो में एक वरिष्ठ पदाधिकारी को पुलिस को अपना काम करने से रोकते देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह पदाधिकारी अब मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत है. वह मुख्यमंत्री के निजी सचिव के के रागेश का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने 2019 की घटना के संदर्भ में इतिहासकार इरफान हबीब पर भी निशाना साधा.
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काली कमीज पहनने पर लोगों को गिरफ्तार किया गया
खान ने कहा, जिस राज्य में काली कमीज पहनने पर लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहां ऐसी चीजें होती हैं. पुलिसकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और लोगों को मुझ तक पहुंचने से रोका. उन्होंने कहा, इस समय मुख्यमंत्री के कार्यालय में कार्यरत एक वरिष्ठ पदाधिकारी को वीडियो में पुलिस को अपना काम करने से रोकते देखा जा सकता है.’’ राज्यपाल ने कहा, ‘रागेश ने पुलिस को अपना काम करने से रोका. संभवत: इसीलिए उन्हें इनाम दिया गया. रागेश उस समय राज्यसभा के सदस्य थे.
कन्नूर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन अचानक नहीं हुआ था
उन्होंने सवाल किया कि यदि कन्नूर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन अचानक हुआ था, तो कुछ प्रदर्शनकारी पोस्टर तैयार करके कैसे लाये थे ? खान ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का पूरा ध्यान उससे भिन्न विचार रखने वाले लोगों को चुप कराने पर केंद्रित है और यहां तक कि राजभवन को भी नहीं बख्शा गया. उन्होंने कहा कि सरकार ने राजभवन के कर्मियों की भर्ती के संबंध में पूछताछ करके उसकी कार्यप्रणाली में भी हस्तक्षेप करने की कोशिश की और इसलिए उन्होंने इसके खिलाफ कदम उठाया. राज्यपाल ने कहा, उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी.
राज्य के राजस्व का मुख्य जरिया लॉटरी और शराब की बिक्री है
मैं जानता था कि वह व्यक्ति (वह सरकारी अधिकारी, जिसने नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए पत्र लिखा था) निर्दोष था, लेकिन मैं यह संदेश देना चाहता था कि दबाव की ये रणनीतियां मुझ पर काम नहीं करेंगी. इससे भी उनकी आंखें नहीं खुलीं. उन्होंने कहा, ‘‘दबाव बनाने की रणनीतियां अब भी अपनाई जा रही हैं. इसके और अन्य कारणों की वजह से मुझे अब यह मामला उठाना पड़ा. खान ने कहा कि राज्य सरकार उनकी शक्तियों को कम नहीं कर सकती, क्योंकि उन्होंने ही उन्हें पद की शपथ दिलाई है, ना कि इसका उल्टा है. केरल सरकार पर तीखा हमला करते हुए खान ने कहा कि यह शर्म की बात है कि राज्य के राजस्व का मुख्य जरिया लॉटरी और शराब की बिक्री है. उन्होंने वाम सरकार पर निधाना साधने के लिए मुख्यमंत्री विजयन के गृह जिले कन्नूर में कथित राजनीतिक हत्याओं का मामला भी उठाया.