Ranchi : झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र से पारित 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने अधूरा बताया है. कहा है कि यह विधेयक अपने आप में अपूर्ण है. इसके मूल कारणों का जिक्र करते हुए मधु कोड़ा ने कहा कि इसकी मूल वजह 1932 के खतियान के अलावा 1964 का खतियान तथा ग्राम सभा को संवैधानिक रूप से अधिकार नहीं दिया जाना है.
ग्रामसभा नगर परिषद, नन शेड्यूल एरिया व शेड्यूल एरिया किसे सर्टिफाई करेगी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक उनकी जानकारी है कि विधेयक में ग्राम सभा को कोई संवैधानिक अधिकार नहीं दिया गया है. ग्राम सभा जिसे सर्टिफाई करेगी, उसको स्थानीय माना जाएगा. सवाल यह है कि ग्रामसभा नगर परिषद, नन शेड्यूल एरिया तथा शेड्यूल एरिया किसे सर्टिफाई करेगी, इसका कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है. इस विधेयक के पास होने से कोल्हान की जनता पूरी तरह आहत है. तथा इसका उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने राज्य सरकार से मांग है कि इस विधेयक में जो भी त्रुटियां रह गई हैं, उन्हें उससे दूर किया जाए, ताकि आने वाले समय में झारखंड का कोई भी व्यक्ति अपने अधिकार से वंचित नहीं रह सके.
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