Ranchi : झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है यू कहें की एक विवाद थमता नहीं की दूसरा तैयार रहता है. शनिवार को जेएसएससी सीजीएल में खोरठा भाषा का पाठ्यक्रम अन्य भाषाओं की तुलना में अधिक होने के विरोध में अभ्यर्थियों ने राजभवन के समक्ष धरना दिया.
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क्या है मामला
23 दिसंबर 2021 को झारखंड सीजीएल परीक्षा के लिए प्रकाशित विज्ञापन में खोरठा सिलेबस में व्याकरण को शामिल नहीं किया गया था. इसी संदर्भ में खोरठा भाषी अभ्यर्थियों द्वारा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को आवेदन देकर खोरठा व्याकरण को जुडवाया गया. अन्य कुछ पुस्तकों को सिलेबस से हटाने का अनुरोध किया गया था. इस पर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग और कार्मिक विभाग ने 27 जनवरी 2022 को खोरठा सिलेबस में व्याकरण को जोड़ा और अन्य क्षेत्रीय भाषा के समान किया. साथ ही सिलेबस को भी संशोधित किया गया. लेकिन अन्य क्षेत्रीय भाषी अभ्यर्थियों ने विरोध शुरु कर दिया. बाद कार्मिक विभाग और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 8 फरवरी 2022 को खोरठा सिलेबस में खोरठा व्याकरण जोड़ते हुए अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के मुकाबले काफी बड़ा कर दिया. खोरठा भाषी अभ्यर्थियों ने कहा कि पहले जैसे संशोधन कर सिलेबस जारी किया गया था उसे फिर से उसी प्रकार जारी की जाये.
अभ्यर्थियों ने क्या कहा
खोरठा भाषी अभ्यर्थियों का कहना है कि हम किसी भाषा का विरोध नहीं कर रहे हैं. सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं. हमारा विरोध सरकार के खिलाफ है, क्योंकि सरकार अन्य भाषाओं की तुलना में खोरठा भाषा के साथ भेदभाव कर रही है. हम सभी भाषाओं के जैसे खोरठा का पाठ्यक्रम भी समान करने की मांग कर रहे हैं.