Chaibasa : वारंक्षिती लिपि के अविष्कारक ओत् गुरु कोल लाको बोदरा की 102वीं जयंती उनके पैतृक गांव खूंटपानी प्रखंड के पासेया में धूमधाम से रविवार को मनाया गया. कार्यक्रम में पढ़ाई की सामग्री कॉपी, पेन, पेंसिल इत्यादि बच्चों में वितरण की गई. इस आयोजन में बतौर मुख्य अथिति के रूप में एटे तुरतुंग पिटिका अखड़ा के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ पड़ेया शामिल हुए.
वारंक्षिती लिपि को व्यावहारिकता में लाना होगा
इस दौरान पासेया, चुर्गुई, बच्चोमहतु, गम्हरिया और आसपास गांव के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें बोदरा जी के मकसद को पूरा करने के लिए हर घर के हर बच्चों को शिक्षा के साथ जोड़ना होगा. जिस दिन हर घर से लोग शिक्षित होंगे, उस दिन बोदरा जी का सपना पूरा होगा. गांव के लोगों को अपनी भाषा-संस्कृति, लिपि को सीखने तथा उसे हर दिन की व्याहारिकता पर लाना है. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शंकर सिदू शामिल हुए. उन्होंने तकनीकी शिक्षा और सरकारी योजना का सहयोग लेने की बात कही. ग्रामीण मुंडा, मानकी, पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव, वार्ड मेंबर जैसे पदाधिकारियों से इसे विकसित करने का आग्रह किया. आयोजन में ग्रामीणों की ओर से स्वागत कार्यक्रम, संस्कृति कार्यक्रम, पारंपारिक गीत-संगीत व सामन्य ज्ञान प्रतियोगिता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम के सभी विजेताओं को किताब-कॉपी से पुरस्कृत कर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में शामिल हर कोई शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प लिया. मौके पर मंजू बोदरा, सोनमुनी हेमब्रोम, अनीता जमुदा, शालमी गोप, मंडवारी तियू, नारा बांकीरा, अजय मुंडारी, श्याम पाड़ेया, कस्तूरी पुरती, पूनम होनहागा, बुधनी जमुदा, बेलमाती देवगम, एनिमा होनहागा, करिश्मा के साथ सैकड़ों ग्रामीण और बच्चें उपस्थित थे.