Kiriburu : बिरसा जयंती के उपलक्ष्य में आदिवासी समाज की लुप्त हो रही पौराणिक परम्परा, यंत्र आदि को बचाने के उद्देश्य से सेल की गुवा खदान प्रबंधन जनजाति महोत्सव- 2021 का आयोजन किया. कार्यक्रम का आयोजन सारंडा के जोजोगुटू गांव में सीएसआर योजना के तहत किया गया. इसका नेतृत्व गुवा के सीजीएम बीके गिरी, महाप्रबंधक डॉ टीसी आनंद, सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम और दुबील के मानकी दुनू चाम्पिया के नेतृत्व में किया गया. इस कार्यक्रम में जोजोगुटू, बाईहातु, राजाबेडा़, जामकुंडिया, छोटानागरा, तितलीघाट, बहदा, सोनापी, दुबील आदि गांवों के ग्रामीण शामिल हुए. डॉ टीसी आनंद ने बताया कि इस जनजाति महोत्सव के दौरान ग्रामीणों के बीच बांसुरी और अन्य वाद्य यंत्र बजाने, पत्ता का दोना बनाने, जंगल की घास से झाडू़, रस्सी बनाने, लकड़ी को आपस में रगड़ कर आग तैयार करने, पुआल-सियाली-कुश की रस्सी बुनने, खजूर पत्ता का चटाई बनाने, “हो” भाषा में गाना व सामूहिक नृत्य आदि अन्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
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यह प्रतियोगिता नई पीढ़ी के युवाओं को अपनी पौराणिक परम्परा से रु-ब-रु कराते हुए इसे कायम रखने की अपील की गई. आज के इस वैज्ञानिक व नई तकनीकी युग में भी विकट परिस्थिति में आदिवासियों की पौराणिक व्यवस्था व संसाधन काफी कारगर व उपयोगी साबित होती है. इस प्रतियोगिता के विजेताओं को 12 दिसम्बर को गुवा के फुटबॉल मैदान में आयोजित होने वाली विशेष कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा. इस दौरान मुंडा कानूराम देवगम, मुंडा चिंतामणि चाम्पिया, मुंडा जामदेव चाम्पिया, मुंडा पिर्ती सुरीन, मुंडा सुखराम चाम्पिया आदि सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.