Shailesh singh
Kiriburu : चाईबासा के पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा के कडे़ निर्देश के बावजूद जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत झारखंड-ओडिशा की सीमा पर स्थित जैंतगढ़ में प्रतिबंधित हब्बा-डब्बा जैसे जुआ व मुर्गा लड़ाई का खेल जारी है. गुरुवार को भी जैंतगढ़ नदी के किनारे इस खेल का खुलेआम आयोजन किया गया. जैंतगढ़ के लोगों का कहना है कि क्या झारखंड और ओडिशा की पुलिस संयुक्त रुप से जैंतगढ़ में होने वाला जुआ का यह खेल पूरी तरह से बंद कराने में अक्षम है! उल्लेखनीय है कि जगन्नाथपुर थाना अन्तर्गत जैंतगढ़ के कुछ जुआ माफिया के संरक्षण में हब्बा-डब्बा (जुआ) का यह खेल प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को संचालित होता है. संचालकों कहते हैं कि पुलिस से अनुमति ली गई है. एक दिन के हब्बा-डब्बा जैसे जुआ के इस खेल में सैकड़ों लोग अपनी मेहनत की कमाई के लगभग 8-10 लाख रुपये लुटा कर चले जाते हैं. यहां हब्बा-डब्बा का खेल खेलने राउरकेला, जोड़ा, जमशेदपुर, रांची समेत झारखंड-ओडिशा के दर्जनों शहरों से लोग पहुंचते हैं. इस पाड़ा में दक्षिण भारत से विशेष प्रकार का लड़ाकू मुर्गा लाकर लड़ाया जाता है. विशेष प्रकार का मुर्गा की कीमत 10-20 हजार रुपये तक होती है. इसकी लड़ाई में लाखों रुपये तक की बाजी लगती है.
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सभ्य परिवार के सदस्य भी हो रहे जुआ के शिकार
जैंतगढ़ क्षेत्र के कुछ सभ्य परिवार ने लगातार न्यूज को बताया कि उनके परिवार के सदस्य भी इसके शिकार होकर अपनी आर्थिक स्थिति व जमा पूंजी खत्म कर रहे हैं. इससे घरेलू हिंसा भी बढ़ रही है. कुछ का यह भी कहना था कि जहां तक मुर्गा लड़ाई की बात है तो यह झारखंड की संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन हब्बा-डब्बा का खेल यहां के लोगों को बर्बाद कर घरेलू कलह और हिंसा का बढ़ावा दे रहा है. यहां अवैध शराब का कारोबार भी काफी जोरों पर चलता है. इसे पूरी तरह से बंद कराया जाना चाहिये. पिछले शनिवार को भी यहां यह अवैध खेल का आयोजन किया गया था. इसकी सूचना व खेल से संबंधित वीडियो जगन्नाथपुर थाना प्रभारी यशराज सिंह को देने के बाद वह जैंतगढ़ जाकर खेल को बंद करा खेल स्थल पर पुलिसकर्मी नियुक्त कर दिये. इसके बावजूद उससे कुछ दूरी पर जुआ माफिया ने पुलिस को खुलेआम चुनौती देते हुये जुआ का आयोजन किया. आज भी इसके संचालक ने इस खेल का आयोजन पूर्व स्थल से कुछ सौ मीटर दूर नदी किनारे कराया. लोगों को वह बताया कि आज जहां खेल हो रहा है वह ओडिशा क्षेत्र में आता है.
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आज भी जगन्नाथपुर पुलिस पहुंची थी खेल बंद कराने
सूत्रों के अनुसार आज भी जगन्नाथपुर पुलिस यह खेल बंद कराने पहुंची. बड़ा सवाल यह है कि दो राज्यों की सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में होने वाली ऐसी अपराधिक व कानून विरोधी गतिविधियों को क्या दोनों राज्यों की सीमांत थानों की पुलिस संयुक्त रूप से कार्यवाही कर नहीं रोक सकती है! जहां यह प्रतिबंधित खेल होता है वहां सैकड़ों दोपहिया वाहन खड़ी होती है, क्या इन वाहनों को जब्त कर वाहन मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकती है. आखिर पुलिस इसके संचालक के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाही करने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रही है.