- विधायक दशरथ गगराई या विधायक सुखराम उरांव को मिल सकता है टिकट
- भाजपा ने सांसद के साथ तूफानी प्रचार अभियान तेज किया
Kiriburu (Shailesh Singh) : सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा के भाजपा में जाने के बाद सिंहभूम संसदीय क्षेत्र के सियासी समीकरण में बदलाव आया है. कांग्रेस की स्थिति यहां नेतृत्व विहीन हो गई है. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस में सेकेंड लाइन के नेताओं की कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. कांग्रेस की यह आपदा झामुमो के लिए अवसर के समान है और झारखंड मुक्ति मोर्चा इसे भुनाने को तैयार बैठी है. सिंहभूम संसदीय क्षेत्र के छह में से पांच सीट पर जेएमएम का कब्जा है. ऐसे में झामुमो पिछले एक साल से इस सीट पर अपनी दावेदारी जता रही है.
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झामुमो से प्रत्याशी कौन होगा इसको लेकर मंथन का दौरा चालू हो गया है. पार्टी अपने आंतरिक सूत्रों के माध्यम से यह आकलन कर रही है कि किसको प्रत्याशी बनाए जाने पर गीता कोड़ा को शिकस्त दी जा सकती है. झामुमो पिछले 6 माह से लगातार बैठक कर सिंहभूम संसदीय सीट पर अपना दावा कर रही है. बताया जाता है कि सिंहभूम लोकसभा सीट को लेकर झामुमो में दो दावेदार हैं. दोनों वर्तमान में विधायक है. एक चक्रधरपुर से विधायक सुखराम उरांव है तो दूसरे खरसावां से विधायक दशरथ गगराई है. दोनों ही पूर्व में लोकसभा चुनाव दूसरे दलों से लड़ चुके हैं. दोनों की अपनी अपनी पहचान है. सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में हो जनजाति की आबादी सबसे अधिक है.
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झारखंड में इसके अलावे किसी दूसरे लोकसभा क्षेत्र में इनकी आबादी निर्णायक नहीं है. लिहाजा हो समाज के सामाजिक संगठनों ने हो बहुल सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में हो समाज से प्रत्याशी देने की मांग की है ताकि उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल सके. भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा भी हो समाज से ही हैं. झामुमो फोल्डर से सिंहभूम की राजनीति में हो समाज के सबसे बड़े चेहरे दीपक बिरूवा हैं. दीपक बिरूवा को हाल के दिनों में मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. लिहाजा उन्हें प्रत्याशी बनाने की संभावना कम है. ऐसे में बतौर प्रत्याशी दशरथ गागराई की संभावना सबसे अधिक है. वे वर्तमान में खरसावां के विधायक हैं और यह उनका दूसरा टर्म है. इन्होंने 2014 में झारखंड के कद्दावर नेता अर्जुन मुंडा को शिकस्त देकर अपने विधायकी पारी की शुरुआत की है.
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दूसरी तरफ लोक सभा चुनाव की घोषणा से पूर्व हीं सिंहभूम संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोडा़ ने जिला भाजपा कमेटी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के अलावे अपने पति सह पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा़ के साथ पूरे क्षेत्र में चुनावी तैयारियां तेज कर दी है. ऐसे तो कोडा़ दम्पत्ति सालों भर चुनावी मोड के मद्देनजर जनता के बीच निरंतर क्षेत्रों में भ्रमणशील रहते हैं. लेकिन इस बार उनके साथ केन्द्र, प्रदेश, जिला, मंडल, पंचायत के भाजपा कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज साथ में है.
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जिलाध्यक्ष संजू पांडेय, पूर्व मंत्री बड़कुवंर गागराई, जेबी तुबीद, पूर्व विधायक गुरुचरण नायक, पूर्व विधायक शशि भूषण सामड, गीता बालमुचू, विधान सभा प्रभारी दिनेश चन्द्र नन्दी, संयोजक शंभू हाजरा आदि भाजपा के सैकड़ों कदावर नेता अलग-अलग विधान सभा क्षेत्र में निरंतर चुनावी कार्यालय खोल, जनता के बीच जनसम्पर्क अभियान चला इस सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज करने में जूटे हैं. 15 मार्च को सांसद गीता कोड़ा की अनुपस्थिति में उक्त नेताओं ने जगन्नाथपुर में भाजपा का चुनावी कार्यालय खोल कार्यकर्ताओं में भारी जोश भरा. अर्थात इंडी गठबंधन के प्रत्याशी से चुनावी अभियान में भाजपा व गीता कोड़ा अब तक काफी आगे निकल चुकी है.