Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा स्थित छोटानागरा पंचायत के राजस्व गांव दुबिल के ग्रामीणों की रैयत जमीन को सेल की चिड़िया खदान प्रबंधन द्वारा पिल्लर गाड़ अतिक्रमण करने संबंधित ग्रामीणों की शिकायत के बाद मनोहरपुर अंचलाधिकारी ने सरकारी अमीन नरसिंह हेम्ब्रम को विवादित स्थल पर भेज जमीन की मापी कराई. मापी के दौरान अमीन ने पाया की सेल की चिड़िया प्रबंधन ने जो अपने लीज क्षेत्र का सीमाना का पिल्लर गाड़ा है वह दुबिल के ग्रामीणों की रैयत भूमि पर है. सरकारी अमीन अब पूरे मामले की जानकारी अंचलाधिकारी मनोहरपुर को देंगे. जिसके बाद अंचलाधिकारी सेल की चिड़िया प्रबंधन को पत्र लिख उनसे जबाब व जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग कर आगे की कार्यवाही प्रारम्भ करेंगे.
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बिना ग्रामीणों की सहमती पिल्लर गाड़ दिया गया
उल्लेखनीय है कि दुबिल के ग्रामीण वर्षों पूर्व से अपनी रैयत जमीन पर चिड़िया प्रबंधन द्वाराअतिक्रण करने, बिना ग्रामीणों की सहमती अथवा ग्राम सभा से इजाजत के बगैर सिमेंटेड पिल्लर गाड़ने का शिकायत जिला प्रशासन से कर न्याय की मांग करते रहे. दुबिल ग्राम सभा के अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष के अलावे 19 ग्रामीणों का हस्ताक्षर युक्त आवेदन अंचलाधिकारी को मिला था. आवेदन में जिक्र था कि राजस्व ग्राम दुबिल का जमीन को सेल चिडिया द्वारा बिना ग्राम सभा के सहमति से पीलर गाडी किया जा रहा है एवं खाता न0- 07, प्लौट न0- 45 जो गांव का देशाउली ( सरमा पूजा स्थल ) को घेरा गया है. प्लॉट न0- 232 जो कब्रिस्तान है को भी सेल चिड़िया द्वारा घेरा गया है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि चिड़िया प्रबंधन के इस गलत कार्य से दुबिल गांव का हेंदेदिरी टोला के तमाम ग्रामीणों का घर व जमीन, बिदू चाम्पिया का घर व जमीन जो रैयत है वह सभी चला जा रहा है.
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ग्रामीणों में न्याय मिलने की जगी है आशा
अर्थात ग्रामीणों का दर्जनों एकड़ जमीन पर सेल की चिड़िया प्रबंधन जबरन अतिक्रमण कर लिया है. ग्रामीण वर्षों से यह भी आरोप लगाते आ रहे हैं कि चिड़िया प्रबंधन न सिर्फ उनकी जमीन को अतिक्रमण कर रहा है, बल्कि खदान की लाल मिट्टी मुरुम को छोड़ जमीन को बंजर बना रहा है. बंजर जमीन पर खेती नहीं हो रहा है और इसका वह मुआवजा भी नहीं दे रहा है. अब अंचलाधिकारी द्वारा सरकारी अमीन से जमीन की मापी कराने के बाद ग्रामीणों को न्याय मिलने की आशा जगी है. जमीन मापी के दौरान रामलाल चाम्पिया, बिदू चाम्पिया, दशरथ चाम्पिया, दुलाल आईन्द, मोहन हंसदा, बामिया माझी, धन सिंह चाम्पिया, गुरा मुर्मू, गाजू हंसदा आदि दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे.
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