Kiriburu (Shailesh Singh) : भाकपा माओवादियों के पलटवार से पुलिस व सीआरपीएफ को हमेशा सावधान रहना होगा. पश्चिम सिंहभूम जिला के टोंटों एवं गोईलकेरा थाना अन्तर्गत कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के जंगलों में पुलिस व सीआरपीएफ निरंतर नक्सलियों से लोहा ले रहे है. दोनों एक-दूसरे के 24 घंटे निशाने पर हैं. पुलिस कोल्हान जंगल को नक्सलियों से मुक्त कराने के अभियान में लंबे समय से लगी है. वहीं नक्सली कोल्हान जंगल को अपना इस्टर्न जोन का मुख्यालय बनाकर इस जंगल को किसी भी परिस्थिति में छोड़ना नहीं चाह रहे हैं. एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा भी इसी जंगल में अनल दा, अजय महतो, अनमोल उर्फ समर दा, मोछू, सागेन अंगारिया, कांडे, अश्विन जैसे बडे़ नक्सलियों के साथ मौजूद है. मिसिर बेसरा को भाकपा माओवादी संगठन ने हाल हीं में ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (ईआरबी) का सुप्रीम कमांडर बनाया है. जिसका मुख्यालय कोल्हान को बनाया गया है.
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नक्सलियों का पलटवार क्या है –
सारंडा के थोलकोबाद में वर्ष-2011 में चलाये गये ऑपरेशन ऐनाकोंडा तथा दीघा क्षेत्र में उड़ीसा की एसओजी पुलिस टीम के साथ भी मुठभेड़ के दौरान नक्सली अपना कारगर पल्टा वार का इस्तेमाल कर चुके हैं. थोलकोबाद की पल्टा वार में तब के प्रशिक्षु आईपीएस सह किरीबुरु के एसडीपीओ, वर्तमान में कोल्हान डीआईजी अजय लिंडा अपनी टुकड़ी के साथ बाल-बाल बच गये थे. कुछ जवान मामूली रुप से घायल हुये थे. जबकि दीघा में ओडिशा एसओजी का एक जवान शहीद हो गया था. जिसके शव को नक्सलियों ने कब्जे में कर दो दिन तक रखने के बाद मिडिया के प्रयास से शहीद के परिवार को सौंपा था.
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पलटवार में कम समय में अधिक नुकसान पहुंचाया जाता है पुलिस को – अनमोल दा
उस वक्त लगातार न्यूज संवाददाता से बातचीत में 25 लाख रूपये का इनामी कुख्यात नक्सली नेता अनमोल दा उर्फ समर जी ने कहा था कि, जब पुलिस हमारा पीछा करती है, तब हमलोग आगे भागने के दौरान विशेष रणनीति के तहत कुछ साथी पुलिस का ध्यान भटकाकर जंगल के दूसरे रास्ते से पुलिस के पीछे आ जाते हैं. पीछे आये नक्सली पुलिस पर फायर कर उन्हें कम समय में अधिक नुकसान पहुंचाने का कार्य करती है. उसने कहा था कि दीघा क्षेत्र में एसओजी टीम से जब हमारी मुठभेड़ हुई तो हमारे एक साथी का एसएलआर हथियार पुलिस ने बरामद कर लिया था. जिसके बाद पल्टा वार से न सिर्फ उक्त हथियार को हमने पुनः बरामद किया, बल्कि हमारी गोली से एसओजी का एक जवान भीघायल हो गया था. घायल जवान को अपने कब्जे में लेने के बाद उसे बचाने का पूरा प्रयास किया गया. लेकिन उसने दम तोड़ दिया था.
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