स्क्रूटनी के बाद चुनाव प्रचार में तेजी की संभावना
Kiriburu (Shailesh Singh) : सिंहभूम संसदीय सीट पर 13 मई को होने वाली मतदान से पूर्व एनडीए सह भाजपा प्रत्याशी सांसद गीता कोडा़ एवं इंडिया सह झामुमो प्रत्याशी पूर्व मंत्री जोबा माझी के समर्थकों के बीच सोशल मिडिया पर वाकयुद्ध व पुराने संपादित वीडिओ को शेयर कर एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप करने का सिलसिला निरंतर जारी है. इस सीट पर मुख्य व कांटे का मुकाबला गीता कोडा़ एवं जोबा माझी के बीच हीं है.
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चुनाव से पूर्व तक अलग-अलग सोंच व विचारधारा रखने वाले ये कार्यकर्ता आपस में बैठते, घूमते व अन्य मुद्दों पर चर्चा करते रहते थे. लेकिन आज एक-दूसरे प्रत्याशी के खिलाफ तमाम पूराने व नये वीडिओ जिससे विपक्षी प्रत्याशी या पार्टी का चिरहरण कर उनकी छवि को धूमिल कर चुनाव में वोटों का नुकसान पहुंचाया जा सकता है वह किया जा रहा है.
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दूसरी तरफ दोनों प्रत्याशियों के कार्यकर्ताओं में सक्रियता अर्थात चुनाव प्रचार से जुड़ी तेजी का कार्य सारंडा क्षेत्रों में अभी कम देखने को मिल रही है. इसका मुख्य वजह पार्टियों द्वारा फंड नहीं भेजा जाना है. फंड के अभाव में कार्यकर्ताओं के वाहनों की रफ्तार धीमी है. फंड नहीं भेजे जाने का मुख्य वजह स्क्रुटनी अभी तक नहीं होना है. 26 अप्रैल को स्क्रुटनी के बाद यह फंड संभवतः कार्यकर्ताओं के पास आना प्रारम्भ हो जिससे चुनाव प्रचार में तेजी आने की संभावना है. हर तरफ चर्चा आम है कि इस बार का मुकाबला काफी कांटे का होगा. थोड़ी सी चूक व निष्क्रियता दोनों प्रत्याशियों के लिये बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है. आज के बाद से सभी प्रकार का राजनीतिक व पैसों का खेल के अलावे चुनावी वातावरण में शोर सुनाई देना प्रारम्भ हो जायेगा. बैनर, पोस्टर से पूरा क्षेत्र पटना प्रारम्भ होगा.
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