Kiriburu (Shailesh Singh) : सेलकर्मियों के लिये सेल प्रबंधन ने नया वेतन पुनरीक्षण का आदेश जारी किया है. इस आदेश से खदानों में कार्य करने वाले सेलकर्मी नाराज हैं. वे इसे सेल की स्टील प्लांटों के कर्मचारियों के हित में बता रहे हैं. वहीं, इस संबंध में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरू के महामंत्री राजेन्द्र सिंधिया ने कहा कि वेरिएबल पर्क्स और अलाउंस पर एमओयू के तहत 26.5 फीसदी भुगतान करने की बातें हुई थी, लेकिन 25 फीसदी कम्पल्सरी भुगतान करने का ही आदेश जारी हुआ है, न की 26.5 फीसदी भुगतान का. मैक्सिमम लिमिट में 26.5 फीसदी रखा गया है. साथ ही खदान कर्मियों को एनर्जी अलाउंस मिलता था, वह भी नहीं दिया जा रहा है. कैफिटेरिया अप्रोच के तहत शिक्षा भत्ता भी नहीं मिल रहा है. यह एनजेसीएस नेताओं की अनदेखी का एक और उदाहरण सामने आया है.
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खदान क्षेत्र में न शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल है न स्वास्थ्य के लिए अच्छा अस्पताल
उन्होंने कहा कि खदान क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों के बच्चे जो बाहर रह कर पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें न तो होस्टल सब्सिडी दी जा रही है और न ही एजुकेशन अलाउंस. खदान क्षेत्र में भी न शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल है न स्वास्थ्य के लिए अच्छा अस्पताल. खदान क्षेत्र से 100-200 किमी तक कोई सुविधा नहीं है. सयंत्रों के जरूरत के अनुसार एमओयू बना और लागू किया गया है, जिसे खदान कर्मियों के ऊपर लाद दिया गया है. संयंत्रों और खदानों की स्थिती भौगोलिक दृष्टि कोण से बहुत ही भिन्न है. इसे सेल प्रबंधन और एनजेसीएस के श्रमिक संगठनों के सदस्यों ने पुनः नजर अंदाज कर दिया है. इस के पीछे एनजेसीएस की बैठक में खदानों की प्रतिनिधित्व न होना है.
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3 फीसदी की जगह 2.5 फीसदी दिया जा रहा है इंक्रीमेंट
उन्होंने कहा कि सिर्फ खदान कर्मियों को छोड़ कर अधिकारी वर्गों को एजुकेशन, होस्टल, एनर्जी सभी सुविधा कैफिटेरिया अप्रोच के तहत खदानों मे कार्यरत अधिकारियों को उपरोक्त सभी अलाउंस देने का प्रावधान किया गया है. ऊपर से दासा की कोई चर्चा नहीं है, जो उपरोक्त अलाउंस से बाहर है. अभी पर्क्स जो मिल रहा है उसमें भी लोचा है 26.5 फीसदी की जगह 25 फीसदी ही मिल रही है. लेकिन एनजेसीएस के सभी श्रमिक संगठनों के सदस्य चुप हैं. इंक्रीमेंट में भी 3 फीसदी की जगह 2.5 फीसदी दिया जा रहा है. इसमें पीपी का खात्मा होगा ऐसा संदेह है. नए वेतन पुनरीक्षण इंप्लीमेंट के पश्चात विसंगतियों को कैसे और कौन दूर करेगा पता नहीं. झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरू इस विसंगतियों का विरोध करता है और विसंगतियों को दूर करने तथा एजुकेशन, एनर्जी और होस्टल सब्सिडी खदान कर्मियों को मिले इसकी मांग करता है.
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