- एफआईआर करने से पूर्व सीआईएसएफ व सेल प्रबंधन में वार्ता जारी
Kiriburu (Shailesh Singh) : सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु खदान की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ जवानों ने छह लाख का चोरी का स्क्रैप ले जाते दो वाहनों को पकड़ा है. सीआईएसएफ जवानों ने चोरी के रोलर लदे दो कैम्फर वाहन (जेएच 06 सी-8195 और जेएच 06 सी- 8591) को पकड़ा है. यह कार्रवाई सीआईएसएफ के उप कमांडेंट धर्मेंद्र सिंह चाहर के आदेश और किरीबुरु थाना प्रभारी फिलमोन लकड़ा के सहयोग से की गई.
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रांगरिंग गांव के ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ व पुलिस की यह कार्यवाही 21-22 अक्टूबर की मध्य रात्रि की गई. सभी रोलर सेल की मेघाहातुबुरु खदान से चोरी कर रांगरिंग गांव क्षेत्र में रखा गया था. बरामद रोलर की कीमत लगभग 5 से 6 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है. सीआईएसएफ व पुलिस की कार्यवाही के दौरान रोलर चोरी व तस्करी की घटना में शामिल लगभग 15-20 चोर जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे. इस घटना में रांगरिंग गांव के चोरों के अलावे बड़ाजामदा, गुआ, राउरकेला व बड़बिल के स्क्रैप माफिया शामिल थे. पकड़ा गया दोनों कैम्फर बड़ाजामदा का बताया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान स्क्रैप माफिया मेघाहातुबुरु खदान से लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक की स्क्रैप व रोलर की चोरी कर चुके हैं. हालांकि अभी तक सीआईएसएफ व किरीबुरु थाना पुलिस के कोई भी पदाधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं, जिस कारण वास्तविक सच्चाई सामने नहीं आ पा रही है.
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विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सारंडा के ग्रामीणों से सीआईएसएफ जवानों को सूचना मिली थी की बाहरी स्क्रैप माफिया रांगरिंग गांव के कुछ चोरों के सहयोग से मेघाहातुबुरु खदान से निरंतर रोलर व अन्य सामान की चोरी कर कैम्फर वाहन से कुमडीह- सैडल गेट के रास्ते बड़ाजामदा व बड़बिल में ले जा रहे हैं. इसी सूचना के बाद सीआईएसएफ के निगरानी विभाग के दो जवानों ने पहले रांगरिंग गांव के जंगलों में रात के समय एम्बुस लगाई. एम्बुस के दौरान देखा कि कुमडीह तरफ से दो वाहन रांगरिंग गांव क्षेत्र में आया एवं दोनों वाहन में रांगरिंग गांव के लोग चोरी के रोलर लोड कर रहे हैं. इसकी जानकारी जवानों ने सीआईएसएफ व पुलिस के अधिकारियों को दी. इसके बाद घटनास्थल पर रात के समय सीआईएसएफ व पुलिस टीम टीम को भेजा गया. जब रोलर की लोडिंग चल हीं रही थी तब जवानों ने हमला बोला. लेकिन सारे चोर जंगल में भाग गये. घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण जवानों ने चोरों का पीछा करना उचित नहीं समझा एवं रोलर लदे दोनों वाहनों को जब्त कर मेघाहातुबुरु खदान गेट पास लेते आयी.
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उल्लेखनीय है कि लगातार न्यूज में रांगरिंग गांव क्षेत्र से स्क्रैप की चोरी की खबर जारी हो रही थी, लेकिन पुलिस की कार्यवाही नहीं होने से चोरों का मनोबल बढ़ता गया. सेल की मेघाहातुबुरु खदान के लीज क्षेत्र में रांगरिंग गांव अवैध रुप से बसाया गया है. सेल प्रबंधन अब पुलिस-प्रशासन से इस गांव को हटाने हेतु आग्रह कर सकती है. सबसे अहम बात यह है कि किसी भी गांव का मुंडा पुलिस-प्रशासन का अभिन्न अंग होता है. लेकिन इतने बडे़ पैमाने पर रांगरिंग गांव क्षेत्र से स्क्रैप चोरी की निरंतर घटना होने के बावजूद मुंडा द्वारा इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दिया जाना अनेक सवाल खडा़ कर रहा है. पुलिस भी अब चोरी की घटना में शामिल रांगरिंग गांव के चोरों की पहचान कर उनके खिलाफ बडी़ कार्यवाही की तैयारी में लगी है.
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सारंडा के ग्रामीण व जानकारों का कहना है कि सैडल गेट में गोरखा बटालियन का कैंप है. जहां झारखंड पुलिस के पदाधिकारी भी नियुक्त रहते हैं. इसी कैंप चौक से कुमडीह व रांगरिंग जाने का एक मात्र रास्ता है. कैंप में तैनात संतरी रात में जाते व आते हर वाहन को देखती है, लेकिन वह पकड़ नहीं रही है. यह बड़ा मामला है. लोगों का कहना है कि अगर यहां पुलिस का एक चेकनाका बना दिया जाये तो सारंडा होकर झारखण्ड-ओडिशा के रास्ते होने वाली तमाम गतिविधियां रूक जायेगी.