Ranchi : हज़ारीबाग़ जिले के बड़कागांव में 14 अगस्त 2015 को किसान अधिकार महारैली के दौरान पुलिस-पब्लिक झड़प हुई थी. इस दौरान पुलिस की गोली से कई लोग घायल हो गये थे. इस मामले में घायल मंटू सोनी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. मंटू सोनी द्वारा हाईकोर्ट में दायर क्रिमनल रिट संख्या 127/21 की सुनवाई के बाद जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी द्वारा सरकार से जवाब तलब किया था. सरकार की तरफ से पुलिस द्वारा कोर्ट को दिए जवाब में घटना के छह साल बाद पहली बार मंटू सोनी को गण शॉट इंज्युर होने की बात स्वीकारी गई है. इसके पहले एफआईआर, चार्जशीट से लेकर विधानसभा तक मंटू सोनी के गणशॉट इंज्यूरी होने की बात पुलिस इनकार कर रही थी.
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एसपी ने जांच पूर्ण बताते हुए कोर्ट में चार्जशीट सौंपने का जारी कर दिया था आदेश
पुलिस की तरफ से हाईकोर्ट में जवाब देने के बाद मंटू सोनी के अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने कोर्ट में जो प्रति उत्तर दिया. प्रतिउत्तर में यह बात कही गई है कि घटना को लेकर बड़कागांव थाना कांड संख्या 167/15 में तत्कालीन सुपर विजन ऑफिसर डीएसपी 2 दिनेश गुप्ता ने दिनांक 28 सितंबर 2015 को केस के अनुसंधानकर्ता अवधेश सिंह को घटना में घायल लोगों का जख्म प्रतिवेदन लगाने निर्देश दिया था, लेकिन तत्कालीन एसपी अखिलेश झा ने घायलों का इंज्युरी रिपोर्ट केस डायरी में लाये बिना मंटू सोनी सहित अन्य पर जांच पूर्ण बताते हुए कोर्ट में चार्जशीट सौंपने का आदेश जारी कर दिया था. इसके साथ ही एसपी अखिलेश झा ने घटना में घायल और अभियुक्त रहे अधिकारी अवधेश सिंह और दिनेश गुप्ता से अनुसंधान और सुपरविजन कराया.
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इंस्पेक्टर ने हाईकार्ट में झूठ बता दायर किया हलफनामा
हाईकोर्ट में जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में विचारधीन मंटू सोनी द्वारा दायर क्रिमनल रिट संख्या 127/21 में कोर्ट द्वारा मांगे जवाब में पुलिस की तरफ से दायर हलफनामे में बड़कागांव इंस्पेक्टर श्याम चंद्र सिंह ने झूठ और विरोधाभाषी हलफनामा दायर किया है. दायर हलफनामे के प्रतिउत्तर में अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने कहा है कि इंस्पेक्टर ने तत्कालीन एसपी के हवाले से लिखा है कि मंटू सोनी बलवाइयों में शामिल था,उसके खिलाफ वीडियो सबूत भी हैं,लेकिन कोर्ट में मंटू सोनी के खिलाफ चार्जशीट में एसपी के हवाले से ऐसा कोई स्टेटमेंट रिकॉर्ड में नहीं है. इसके अलावे हलफनामे में इंस्पेक्टर श्याम चंद्र सिंह दो बिंदुओं पर कांड संख्या 167/15 में अनुसंधान जारी बताया और दो जगह अनुसंधान पूर्ण होने की बात भी स्वयं कह रहे हैं, हालांकि उक्त केस में तत्कालीन अनुसंधान कर्ता, सुपरविजन ऑफिसर और एसपी ने मंटू सोनी के खिलाफ जांच पूर्ण बताते हुए चार्जशीट कोर्ट में सौंप दिया. जिसका ट्रायल रांची स्पेशल कोर्ट में चल रहा है.
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9 दिसंबर को अगली तिथि तय की है
गुरुवार को हाईकार्ट में सुनवाई हुई जिसमें सरकार की तरफ से बहस की तैयारी के लिए समय मांगा गया,कोर्ट ने सुनवाई के लिए 9 दिसम्बर को अगली तिथि तय की है.
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