Koderma: कोडरमा जिले में जमीन म्यूटेशन के मामले 90 दिनों से अधिक समय तक लंबित रखने को लेकर अपर समाहर्ता ने जिले के सभी सीओ से स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं अंचलाधिकारियों पर जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी गई है. बता दें कि 90 दिनों से अधिक समय तक सर्वाधिक 42 मामले कोडरमा अंचल में लंबित हैं. जबकि 9-9 मामले चंदवारा और जयनगर अंचल में हैं. वहीं 25 मामले डोमचांच अंचल में लंबित हैं.
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अपर समाहर्ता अनिल तिर्की ने स्पष्टीकरण में कहा कि समीक्षा के दौरान अंचलों में दाखिल खारिज की स्थिति चिंताजनक है. विभिन्न अंचलों में बड़ी संख्या में दाखिल खारिज के मामलों का निबटारा समय पर नहीं किया जा रहा है. दाखिल खारिज झारखंड राज्य सेवा देने की गारंटी अधिनियम 2011 के अंतर्गत आता है. इस अधिनियम के तहत दोषी दंडाधिकारी के विरूद्ध 5 हजार रूपये तक दंड का प्राविधान है. अपर समाहर्ता ने 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है. नहीं देने पर अधिनियम के तहत जुर्माने की चेतावनी दी गई है.
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सभी सीओ से जवाब मांगा है
बताया जाता है कि कोडरमा अंचल में भू-मापी के 352 मामले लंबित हैं. इसे लेकर अपर समाहर्ता ने सभी सीओ से जवाब मांगा है. सरकार स्तर से भू-मापी संबंधित मामलों को प्राथमिकता दिया गया है. इसके बावजूद अंचल स्तर से इस कार्य पर तेजी नहीं दिखाई जा रही है. इसके तहत कोडरमा अंचल के अलावा 66 मामले सतगावां अंचल में, 42 मामले चंदवारा अंचल में, 41 मामले जयनगर में, 24 मामले मरकच्चो में और 6 मामले डोमचांच अंचल में लंबित हैं. अपर समाहर्ता ने सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी है.
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