Koderma: झुमरीतिलैया डॉ अरुण मिश्रा पिछले तीन सालों से कैंसर से पीड़ित हैं. इसके बाद भी वे न सिर्फ पूरी तरह सक्रिय हैं, बल्कि कैंसर का मजबूती से मुकाबला करते हुए जीवन पथ पर आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे जुझारू और हिम्मती व्यक्ति से लगातार न्यूज की टीम ने बातचीत कर उनके विचार साझा किये. बता दें कि अरुण मिश्रा ने थैंक्यू कैंसर नामक एक बुक भी लिखा है. जिसका विमोचन शुक्रवार को किया गया. कहा कि इस बुक के माध्यम से मैंने लोगों को बताया है कि कैंसर से हम कैसे लड़ सकते हैं.
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कैंसर पीड़ितों की मदद करते हैं अरुण
उन्होंने बताया कि मुझे जुलाई 2018 से कैंसर है. जब कैंसर के बारे में पता चला तब हतोत्साहित नहीं हुआ. कैंसर से एक बड़ी लाइन खीचने में लग गया. मैं परेशानियों से ऊपर खुशियों की एक बड़ी लाइन खीचना चाहता था. मैंने कैंसर को कभी मारना नहीं चाहा. हराना नहीं चाहा. बस खुद को जितना खुश रखना चाहता था, रखता रहा. उन्होंने कहा कि जब हम किसी को हराना चाहते हैं तो हम सामने वाले कि कमियों को देखते हैं. जब हम खुद को जीतना चाहते हैं तो खुद की खूबियों को निखारते हैं. कैंसर मरीजों के लिए अरुण और उनके जैसे कुछ कैंसर पीड़ित लोगों ने मिलकर एक संस्था खोला. जिसका नाम आवर हैप्पी फैमिली रखा गया. कहा कि इस संस्था के माध्यम से कैंसर पीड़ितों की मदद करते हैं. वैसे लोग जिनको पता चलता है कि कैंसर हुआ है. वे और उनके परिवार वाले डर जाते हैं. तब वैसे लोगों को हम सब समझाने का काम करते हैं.
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